पिछले हफ्ते चना वायदा (जून) कीमतों को 3,540 रुपये के स्तर पर सहारा मिला था और निचले स्तर पर खरीदारी के कारण अच्छी रिकवरी हुई।
आगामी दिनों में कीमतों 3,620 रुपये तक बढ़त जारी रहने की संभावना है। स्थानीय खरीदारों की ओर से निचले स्तर पर थोड़ी अच्छी खरीदारी के मुकाबले कम कीमतों पर किसानों की ओर से धीमी बिकवाली के कारण बाजार में तेजी की उम्मीद बढ़ रही है। खबरों में, केन्द्र सरकार ने मौजूदा रबी सीजन में मध्य प्रदेश के किसानों से मूल्य समर्थन योजना के तहत 11.27 लाख टन चना की खरीदारी करने की मंजूरी दे दी है।
उधर कॉटन वायदा (मई) में नरमी के रुझान के साथ कारोबार होने की संभावना है और कीमतों में 20,550-20,400 रुपये तक गिरावट हो सकती है। घरेलू बाजार में आपूर्ति अच्छी है और घरेलू के साथ-साथ निर्यात माँग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। भारतीय कपास संगठन के अनुसार 30 सितंबर 2018 तक कुल 410 लाख बेल कपास की आपूर्ति होने का अनुमान है, जिसमें 30 लाख बेल प्रारंभिक स्टॉक शामिल है। घरेलू खपत 324 लाख बेल होने का अनुमान है, जबकि निर्यात 65 लाख बेल होने का अनुमान है, इस प्रकार 2017-18 के अंत तक कपास का कैरीओवर स्टॉक 21 लाख बेल होने का अनुमान है।
मेंथा ऑयल वायदा (मई) की तेजी पर रोक लगने की संभावना है और कीमतों को 1,400 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है। नयी फसल की आपूर्ति के इस महीने के दूसरे हफ्ते से प्रारंभ होने की संभावना से बिकवाली के दबाव के कारण सेंटीमेंट बाधित हो सकता है। (शेयर मंथन, 14 मई 2018)
Add comment