सोयाबीन वायदा (जून) में इस हफ्ते 3,710-3,730 रुपये के निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है।
इसकी कीमतों में 3,850-3,900 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती हैं। कारोबारी आगामी दिनों में आपूर्ति की तुलना में माँग के अधिक होने का अनुमान लगा रहे हैं। क्योंकि सोयाबीन का अनुमानित स्टॉक 30 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि नयी फसल की आवक में अभी भी 5 महीने का समय बचा है। लगभग 20 लाख टन सोयाबीन की खपत मई-सितम्बर के बीच होगी और केवल 10 लाख टन सोयाबीन अगले वर्ष के लिए कैरी फॉरवर्ड स्टॉक के रूप में बच जायेगा, जो हाल के वर्षो में सबसे कम है। पॉल्ट्री उद्योग की ओर से भी सोयामील की माँग में बढ़ोतरी हो रही है और रुपये के कमजोर होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयामील की निर्यात माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
रुपये के कमजोर होने के कारण खाद्य तेलों का आयात महंगा होने से रिफाइंड सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के 768-775 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कम होते स्टॉक एवं बढ़ती खपत के कारण सीपीओ वायदा (मई) की कीमतें 658-664 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। यूएसडीए के नवीनतम अनुमानों के अनुसार बाजार वर्ष 2018-19 में भारत में खाद्य तेलों का अंतिम स्टॉक 1.6 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो पिछले पांच वर्षो के औसत स्तर 1.8 मिलियन टन से भी कम है।
साथ ही सरसों वायदा (जून) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 3,885-3,950 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। 383.50 रुपये टन के पेराई मार्जिन के कारण पेराई मिलों द्वारा अधिक खरीदारी होने से कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 14 मई 2018)
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