चना वायदा (जून) की कीमतों के 3,500 के सहारा स्तर से नीचे टूट कर 3,450-3,400 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है।
चना दाल और बेसन की कमजोर माँग के कारण मिलों की ओर से सुस्त खरीदरी के कारण हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है। कम कारोबार के कारण ऑस्ट्रेलियाई चना दाल की कीमतें 50 रुपये की गिरावट के साथ 4,050 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी है। कम आवक के बावजूद काबुली चना की कीमतों में भी गिरावट हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 21,800-22,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। आईसीई में कॉटन (जुलाई) वायदा की कीमतें मुनाफा वसूली के कारण चार वर्षो से अधिक के उच्च स्तर से नीचे लुढ़क गयी है। आईसीई में कॉटन (जुलाई) वायदा में मार्जिन को 2,000 डॉलर से 25% बढ़ कर 2,500 डॉलर कर दिया गया है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों के 3,550-3,500 रुपये तक टूटने की संभावना है। हाजिर बाजारों में कारोबार काफी सुस्त हो रहा है क्योंकि मौजूदा सीजन में सामान्य मॉनसून के अनुमान के उत्पादन अधिक उत्पादन के कारण अधिकांश खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। देश में ग्वारसीड का स्टॉक पहले से ही काफी अधिक है। इस वर्ष मॉनसून के समय से आगमन के बाद अगली फसल के भी बेहतर होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 31 मई 2018)
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