सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों के 3,500 रुपये के स्तर पर लुढ़कने की संभावना हैं।
कारोबारियों और पेराई मिलों की ओर से सुस्त माँग के कारण हाजिर बाजारों में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट हुई है। सामान्यतया बारिश का मौसम शुरू होने के साथ ही पेराई मिलें मरम्मत के लिए बंद होने लगती है। इस कारण सोयामील की माँग काफी कम हो जाती है। अगले महीने से सोयाबीन की बुआई शुरू होगी और इस वर्ष मॉनसून के सामान्य रहने के अनुमान के बाद उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 760-769 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जून) की कीमतों के 648-658 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार करने की संभावना है। विश्व स्तर पर पाम ऑयल की कमजोर निर्यात माँग और सोया तेल की कीमतों में नरमी के कारण खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट हो
रही है। इंडोनेशिया से भारत से पाम तेलों पर आयात शुल्क कम करने का आग्रह किया है। अप्रैल महीने में इंडोनेशिया में पाम ऑयल का उत्पादन और निर्यात दोनों ही बढ़ा है। अप्रैल में इंडोनेशिया में पाम ऑयल का उत्पादन पिछले महीने के 3.34 मिलियन टन की तुलना में बढ़कर 3.65 मिलियन टन हुआ है।
सरसों वायदा (जून) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,860 रुपये के स्तर पर लुढ़कने की संभावना है। कम होती मार्जिन और मिलों की ओर से कम खरीदारी के कारण जयपुर बाजार में सरसों की कीमतों में गिरावट हुई है। सरसों तेल और सरसों केक की कमजोर माँग के बाद अधिक कीमतों पर देश भर के हाजिर बाजारों में सरसों की माँग कम हुई है। (शेयर मंथन, 31 मई 2018)
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