सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,540-3,590 रुपये के स्तर पर लुढ़कने की संभावना हैं।
सोयामील की कमजोर निर्यात माँग के कारण पेराई मिलों की ओर से सोयाबीन की माँग कम हो रही है। विदेशी बाजारों में अर्जेटिना के सोयामील की तुलना में भारतीय सोयामील की कीमत 42 डॉलर अधिक होने के कारण माँग कम हो रही है। इसके साथ ही मौजूदा सीजन में बेहतर मॉनसून के अनुमान के बाद अधिक उत्पादन की संभावना से भी कीमतों पर दबाव रह सकता है। अगले एक हफ्ते में राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की बुआई शुरू हो जायेगी और सोयाबीन की बुआई अधिक क्षेत्रा में की जा सकती है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों में 755 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। इसके साथ ही रुपये के मजबूत होने के कारण आयात सस्ता होने से भी नरमी का रुझान रह सकता है। सीपीओ वायदा (जून) की कीमतें 648-658 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। अधिक उत्पादन अनुमान के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल की कीमतों में वापसी अस्थायी ही रह सकती है। मलेशिया में 2018 में कुल 20.5 मिलियन टन पॉम ऑयल उत्पादन का अनुमान है, जो एक रिकॉर्ड है। सभी तिलहनों की कीमतों में नरमी के रुझान के बावजूद सरसों वायदा (जून) की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ कारोबार होने की संभावना है और कीमतों को 3,940 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है। सरसों की माँग अभी भी बेहतर है और सरसों तेल एवं केक की अधिक माँग के अनुमान से मिलें निचले स्तर पर सरसों की खरीदारी कर रही हैं। (शेयर मंथन, 04 जून 2018)
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