चना वायदा (जून) कीमतों में फिर से नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
चने की कीमतें 3,500-3,570 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। हाजिर बाजारों में थोक खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं और मॉनसून के आगमन के साथ ही खरीफ दालों (अरहर, मूंग और उड़द) के उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी की संभावना से कीमतों में तेज गिरावट के कारण चना की खरीदारी करने को तैयार नही हैं। कॉटन वायदा (जून) की कीमतों की तेजी पर रोक लग सकती है और कीमतों को 22,750 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। विश्व बाजार में कपास की खरीदारी कम हो गयी है क्योंकि कीमतें 4 वर्षो के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही है और मार्जिन को 2,000 डॉलर से 25% बढ़ाकर 2,500 डॉलर कर दिया गया है।
मेंथा ऑयल वायदा (जून) की कीमतों को 1,170 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। मौजूदा वर्ष में मेंथा ऑयल का उत्पादन 30-35% की बढ़ोतरी के साथ 40,000-45,000 टन होने के अनुमान से नरमी का रुझान देखा जा रहा है। आगामी दिनों में मेंथा ऑयल की आवक में बढ़ोतरी होने की संभावना है। वर्तमान समय में बाजारों में 100-150 ड्रम (1 ड्रम 180 किलो ग्राम का) की आवक हो रही है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों में 3,500-3,450 रुपये तक गिरावट हो सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों के 7,500 के स्तर पर लुढ़कने की संभावना है। मौजूदा सीजन में उत्पादन क्षेत्रों में जुलाई में लंबी अवधि के औसत का 101% और अगस्त में 94% बारिश होने के अनुमान से ग्वार समूह में नरमी का रुझान बरकरार रह सकता है। (शेयर मंथन, 04 जून 2018)
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