हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ 7,270-7,400 रुपये के दायरे में स्थिरता रहने की संभावना है।
कम आवक के बीच स्टॉकिस्टों की ओर से अच्छी माँग के कारण हाजिर बाजारों में कीमतों में तेजी का रुझान है। उत्पादन क्षेत्रों में बारिश कम होने की आशंका से हल्दी की बुआई बाधित हो रही है, जो कीमतों की बढ़ोतरी में सहायक हो रही है। दूसरी ओर कारोबारियों ने घरेलू खरीदारों की ओर से नयी माँग की उम्मीद से मध्यम क्वालिटी की हाइब्रिड फिंगर वेराइटी और रूट वेराइटी की हल्दी का स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया है।
किसानों के पास सीमित स्टॉक के मुकाबले स्थानीय खरीदारों और निर्यातकों की ओर से अधिक माँग के कारण जीरा वायदा की कीमतें पांच महीने के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही है। इस वर्ष जीरे के कुल उत्पादन का लगभग 35% किसानों के पास शेष बचा है और कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी के बाद स्टॉक के धीरे-धीरे छोड़े जाने की संभावना है। इसलिए जुलाई वायदा की कीमतें 17,500-17,700 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।
उधर धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों में 4,505 के स्तर पर सहारे के साथ बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। मौजूदा स्तर पर स्टॉकिस्टों की ओर से अधिक माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। फसल खराब होने की खबरों के कारण इलायची वायदा (जुलाई) की कीमतों में 955 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रुझान रहने की संभावना है। केरल में भारी बारिश के कारण लगभग 1,207 हेक्टेयर में इलायची की फसल के खराब हो जाने की संभावना है। जून में इस वर्ष के मॉनसून के दौरान अभी तक राज्य में कुल 29% अधिक बारिश हुई है, जिसके कारण इलायची के फलों को नुकसान हुआ है। ( शेयर मंथन, 26 जून 2018)
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