चना वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती और कीमतें 4,100 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।
मौजूदा खरीफ सीजन में दालों की बुआई कम होने की आशंका और आगामी दिनों में अधिक माँग के कारण चना की कीमतों को मदद मिल रही है। मटर का आयात अत्यंत कम होने के कारण आगामी महीनों में चना दाल की खपत में बढ़ोतरी होने की संभावना से मिलों द्वारा चना की अधिक खरीदारी की जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में बेहतर रुझानों के कारण कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 22,760-23,100 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। अमेरिका में कपास उत्पादन में कमी के अनुमान से आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में यू-टर्न देखने को मिल रहा है और कीमतें 83 सेंट के नजदीक सहारे के साथ बढ़त दर्ज कर रही हैं। अमेरिका में 2018-19 में अंतिम स्टॉक 04 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो जून के अनुमान से 7,00,000 बेल कम है। भारत में कपास उत्पादन क्षेत्रों में बारिश कम होने के कारण बुआई में कमी देखी जा रही है और फसल कटाई में भी देरी होने की संभावना है।
मेंथा ऑयल वायदा (जुलाई) की कीमतों में 1,650 रुपये तक तेजी बरकरार रहने की संभावना है। आपूर्ति में कमी, कम भंडार और बढ़ती माँग के कारण हाजिर बाजारों में मेंथा ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। इसके अतिरिक्त कीमतों में आगे भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद से किसान स्टॉक रोक कर रखे हुए हैं। कुल मिलाकर माँग को पूरा करने के लिए आपूर्ति पर्याप्त नहीं है।
उधर ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,100-4,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाल ही में तेजी के बाद कारोबारी सतर्क हैं क्योंकि उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और राजस्थान के ग्वार उत्पादन क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 16 जुलाई 2018)
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