हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में 6,850-6,800 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी के लिए 7,100 रुपये के स्तर पर बाधा भी है। दरअसल मध्यम क्वालिटी की हल्दी की आवक के बीच घरेलू माँग के कमजोर रहने के कारण इरोद में हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई है। कुल 2,000 बैग की आवक में से 65% की ही बिक्री हुई है। इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड और इरोद को-ऑपरेटिव मार्केटिग सोसाइटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 400 रुपये की गिरावट हुई है जबकि रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 270 रुपये की गिरावट हुई है। इसी प्रकार रूट वेराइटी की कीमतों में 300 रुपये की गिरावट हुई है।
वहीं जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों के 18.450-19,000 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है। गुजरात के ऊँझा बाजार में जीरे की कीमतों में 25 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम की बढ़ोतरी हुई है, जबकि गुजरात और राजस्थान के अन्य बाजारों में कीमतों में स्थिरता है। पिछले तीन महीने से हाजिर बाजारों में जीरे की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि भारतीय रुपये के कमजोर होने और अन्य देशों में कम उत्पादन के कारण भारत से निर्यात माँग अधिक होने से कीमतों को मदद मिल रही थी।
उधर इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,100-1,120 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। केरल के इडुक्की में भारी बारिश के कारण लगभग 1,230 हेक्टेयर की फसल को नुकसान के बाद भी किसानों को कोई राहत मिलती नही दिखायी दे रही है। अब फसलों पर फफूँद लगनी शुरू हो गयी है। (शेयर मंथन, 17 जुलाई 2018)
वहीं जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों के 18.450-19,000 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है। गुजरात के ऊँझा बाजार में जीरे की कीमतों में 25 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम की बढ़ोतरी हुई है, जबकि गुजरात और राजस्थान के अन्य बाजारों में कीमतों में स्थिरता है। पिछले तीन महीने से हाजिर बाजारों में जीरे की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि भारतीय रुपये के कमजोर होने और अन्य देशों में कम उत्पादन के कारण भारत से निर्यात माँग अधिक होने से कीमतों को मदद मिल रही थी।
उधर इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,100-1,120 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। केरल के इडुक्की में भारी बारिश के कारण लगभग 1,230 हेक्टेयर की फसल को नुकसान के बाद भी किसानों को कोई राहत मिलती नही दिखायी दे रही है। अब फसलों पर फफूँद लगनी शुरू हो गयी है। (शेयर मंथन, 17 जुलाई 2018)
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