हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 7,050-7,270 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में कम कारोबार के कारण हल्दी की कीमतों में कोई बदलाव नही हुआ है। लेकिन हल्दी उत्पादन क्षेत्रों में कम बारिश के बाद बुआई में कमी की आशंका से कीमतों को मदद मिल सकती है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार यदि कुछ दिनों तक बारिश की यही स्थिति बनी रही तो अन्य राज्यों में भी हल्दी के उत्पादन क्षेत्र में कमी हो सकती है। जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों के 18,700-19,500 रुपये के दायरे में साइडवेज रहने की संभावना है। गुजरात के ऊंझा बाजार में जीरे की कीमतों में 10-20 रुपये 20 किलो ग्राम की बढ़ोतरी हुई है, जबकि गुजरात और राजस्थान के अन्य बाजारों में कीमतों में स्थिरता है। पिछले तीन महीने से हाजिर बाजारों में जीरे की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है क्योंकि अन्य देशों में कम उत्पादन के कारण चीन, ताइवान, बांग्लादेश की ओर से माँग अधिक होने से कीमतों को मदद मिल रही है। तुर्की और सीरिया में भारी बारिश के बाद फसल को नुकसान होने के कारण वे विश्व बाजार में जीरे की आपूर्ति नही कर पा रहे हैं।
वहीं इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,150 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। केरल के इडुक्की में भारी बारिश के कारण लगभग 1,230 हेक्टेयर की फसल को नुकसान के बाद भी किसानों को कोई राहत मिलती नही दिखाई दे रही है। अब फसलों पर फफूंद लगना शुरु हो गया है। (शेयर मंथन, 19 जुलाई 2018)
वहीं इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,150 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। केरल के इडुक्की में भारी बारिश के कारण लगभग 1,230 हेक्टेयर की फसल को नुकसान के बाद भी किसानों को कोई राहत मिलती नही दिखाई दे रही है। अब फसलों पर फफूंद लगना शुरु हो गया है। (शेयर मंथन, 19 जुलाई 2018)
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