चना वायदा (अगस्त) की कीमतें 4,100-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
चना की बाजार कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के नजदीक पहुँचने के बाद सरकार ने नाफेड को चना भंडार को बाजार में बेचने का निर्देश दिया है। नाफेड ने 4400 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग 27.39 लाख टन चने की खरीदारी की थी। लेकिन कारोबारी केन्द्रों पर आपूर्ति कम होने से फंडामेंटल काफी बेहतर हैं। उत्पादन क्षेत्रों में कम बारिश के कारण मौजूदा खरीफ सीजन में दालों की बुआई कम होने की आशंका से चना की कीमतों को मदद मिल रही है।
उधर कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 23,300-23,500 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार करने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों में नरमी के रुझान के बावजूद भारत में मौजूदा खरीफा सीजन में कपास की बुआई कम होने की खबरों से कीमतों पर असर नही पड़ रहा है। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम बारिश के कारण 19 जुलाई तक भारत में कपास की बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 11.08% कम होकर 92.70 लाख हेक्टेयर रह गयी है। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में कपास की बुआई कम हुई है।
इसके अलावा ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 4,300 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ नरमी का रुझान जारी रह सकता है। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में बारिश में बढ़ोतरी होने के बाद बुआई में तेजी की संभावना से राजस्थान के प्रमुख बाजारों में ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में गिरावट हुई है। मौजूदा सीजन में अभी तक ग्वारसीड की बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि के 20 लाख हेक्टेयर की तुलना में 17.5% कम होकर 16.5 लाख हेक्टेयर रह गयी है। (शेयर मंथन, 25 जुलाई 2018)
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