मौजूदा सीजन में अधिक बुआई की खबरों से सोयाबीन वायदा (अगस्त) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
सोयाबीन की कीमतें 3,320 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में सोयाबीन की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और शुरुआती अनुमानों से पता चलता है कि मौजूदा खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुआई पिछले वर्ष के 10.5 मिलियन हेक्टेयर की तुलना में 4% अधिक क्षेत्र में होने की संभावना है। मौजूदा सीजन में 13 जुलाई तक भारतीय किसानों ने लगभग 76.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई की है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 73.87 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।
वहीं सरसों वायदा (अगस्त) की कीमतों में 4,130 रुपये तक गिरावट बरकरार रह सकती है। प्रतिदिन की माँग को पूरा करने के लिए लगभग 2 लाख बैग सरसों की आपूर्ति की आवश्यकता है, लेकिन स्टॉकिस्टों की ओर से धीमी बिकवाली के कारण ऐसा नही हो रहा है। सोयाबीन और अन्य खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी के रुझान के बाद राजस्थान के प्रमुख हाजिर बाजारों में सरसों की कीमतों में गिरावट हुई है। बेंचमार्क जयपुर बाजार में सरसों की कीमतें 15 रुपये की गिरावट के साथ 4365-4370 रुपये 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। लेकिन सरकारी एजेंसी नाफेड द्वारा जब तक स्टॉक को रोक कर रखा जायेगा तब तक कीमतों को मदद मिलती रह सकती है।
सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतों में 595 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मलेशियन पॉम ऑयल वायदा में नरमी का रुझान है क्योंकि भारत एवं चीन जैसे देशों से कम माँग हो रही है। कारोबारी 25 जुलाई को कार्गो सर्वेयर द्वारा जारी होने वाले निर्यात आँकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 25 जुलाई 2018)
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