मजबूत बुनियादी कारकों के कारण मेंथा ऑयल वायदा (सितंबर) की कीमतों में 1,655 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है।
बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद से किसानों और स्टॉकस्टिों द्वारा अपना स्टॉक रोक कर रखे जाने से भी कीमतों को मदद मिल रही है। ऐसा अनुमान है कि किसानों के पास लगभग 40% स्टॉक बचा हुआ है, जबकि निर्यात माँग काफी अधिक है और रुपया यदि कमजोर रहता है तो माँग में बढ़ोतरी जारी रह सकती है।
अधिक उत्पादन अनुमान के बाद उच्च स्तर पर बिकवाली के कारण ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और 4,245 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ कीमतें 4,150 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। राजस्थान के गंगानगर में ग्वारसीड की नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है। अगस्त के अंत तक राजस्थान में ग्वारसीड का उत्पादन क्षेत्र 8% बढ़ कर 3.1 मिलियन हेक्टेयर हो गया है। बीकानेर और जोधपुर में आवक नवंबर के मध्य में शुरू होगी, जबकि हरियाणा में आवक अक्टूबर के पहले हफ्ते में शुरू होगी। आगामी हफ्र्तों में ग्वारसीड की रोजना आवक बढ़ कर 40,000-60,000 बैग हो सकती है। नयी फसल में नमी की मात्रा 10-12% रह सकती है, क्योंकि फसल अभी पूरी तरह से पकी हुई नहीं होगी।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 3,900-3,850 रुपये तक गिरावट हो सकती है। प्रमुख राज्यों में नाफेड द्वारा दालों की बिकवाली और बाजारों में सुस्त कारोबार के कारण देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चने की कीमतों में गिरावट हुई है। मुंबई और मुंद्रा बंदरगाहों पर ऑस्ट्रेलियाई मूल के चने की कीमतें 25-50 रुपये की गिरावट के साथ 3,950-3,975 रुपये 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। (शेयर मंथन, 18 सितंबर 2018)
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