सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) में निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतें 3,410 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।
भारतीय सोयामील पर चीन के प्रतिबंध को हटाने को लेकर बातचीत हो रही है और सरकार ने चीन के मानक के हिसाब से गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में देश के 15 प्रमुख सोया प्रोसेसिंग प्लांटों का निरीक्षण किया है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की खड़ी फसल सफेद मक्खियों के प्रकोप से प्रभावित हुई है, जिससे उत्पादकता में कमी आ सकती है और उत्पादकता 1,000 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर से कम रह सकती है।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 4,185 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है और कीमतों में 4,250-4,265 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। वर्तमान समय में कारोबारियों को उम्मीद है कि चीन ऑयलमील के आयात पर से प्रतिबंध हटा लेगा। मौजूदा जारी व्यापारिक युद्ध के कारण चीन पशु आहार की माँग को पूरा करने के लिए वैकल्पिक ऑयलमील की तलाश कर रहा है।
सीपीओ (अक्टूबर) वायदा की कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है और कीमतों को 586 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है, जबकि सोया तेल (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में 738 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। आगामी दिनों में कारोबारियों को त्योहारी माँग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त इस वर्ष (नवंबर 2017-अक्टूबर 2018) भारत के खाद्य तेल आयात में सात वर्षों में पहली बार कमी होने का अनुमान है। इस वर्ष में खाद्य तेल का कुल आयात पिछले वर्ष के 15.4 मिलियन टन की तुलना में लगभग 4-5% कम होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 24 सितंबर 2018)
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