अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुख पर कॉटन वायदा (अक्टूबर) कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों में 22,000 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
विश्व का कपास बाजार चीन और अमेरिका के बीच जारी व्यापार युद्ध को लेकर काफी चिंतित है। चीन के खरीदारों ने पहले ही अमेरिकी कपास की खरीदारी कम कर दी है और इसका असर आगामी महीनों में देखा जा सकता है। घरेलू बाजार में कई मिलें भंडार जमा करना चाह रही हैं, लेकिन कम होते स्टॉक के कारण ऐसा नही कर रही हैं। कपास के नये सीजन की आवक के साथ ही मिलों की ओर से कपास की माँग में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन फसल की बुआई में देरी होने के कारण फसल कटाई में भी 15-20 दिनों की देरी हो सकती है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,275-4,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कारोबारी नयी खरीदारी को लेकर जल्दबाजी में नही हैं और उत्पादन की स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं। राजस्थान कृषि विभाग के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार राज्य में ग्वारसीड का उत्पादन वर्ष-दर-वर्ष 43% की बढ़ोतरी के साथ 17.78 लाख टन होने का अनुमान है।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 3,900-3,985 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। चना का कारोबार माँग और आपूर्ति की रस्साकशी के बीच फँसा हुआ है। उपभोक्ता केन्द्रों की ओर से चना दाल की कम माँग के कारण हाल के दिनों में चना की माँग भी कम रही है और नाफेड द्वारा दालों की लगातार बिकवाली से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। लेकिन आगामी त्योहारी सीजन के दौरान चना दाल और बेसन की खपत में बढ़ोतरी होने की संभावना से निचले स्तर पर थोड़ी खरीदारी हो सकती है। (शेयर मंथन, 24, सितंबर 2018)
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