कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 22,350-22,550 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
धागा और कपड़ा उद्योग की ओर से कम माँग के कारण मिलों की ओर से कम खरीदारी हो रही है और इस प्रकार माँग पूरी तरह से कम हो गयी है। लेकिन सीमित आवक के कारण आपूर्ति भी कम हो रही है, जिससे कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है। कपास की आवक बढ़ नही रही है और 1.50 लाख बेल से कम आवक हो रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की माँग कम होने और डॉलर के मजबूत होने के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। ऐसी खबर है कि आईसीई द्वारा प्रमाणित स्टॉक बढ़ कर 1,00,000 बेल से अधिक हो गया है जो माँग के हिसाब से बाजार में नरमी का संकेत है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के 4,545-4,685 रुपये के दायरे में सीमित रहने की संभावना है। हाजिर बाजारों में खरीदार सक्रिय हो गये हैं और मोजूदा सीजन में कम उत्पादन अनुमान के कारण माह के अंत तक या अगले महीने के प्रारंभ में ग्वारसीड की आपूर्ति में कमी होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त ग्वारसीड का कैरीओवर स्टॉक पिछले वर्ष के 120-130 लाख बैग की तुलना में 80 लाख बैग रहने का अनुमान है।
बुआई क्षेत्रों में बढ़ोतरी की संभावना से चना वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4,400 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है, क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार मौजूदा रबी सीजन में बुआई के लिये देशी चना के प्रामाणित बीजों की खरीदारी के लिए किसानों को 500 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम और काबुली चना के बीजों के लिये 1,300 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम सब्सिडी दे रही है। (शेयर मंथन, 19 नवंबर 2018)
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