सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,350-3,420 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
बाजार में ऐसी खबरें है कि सभी ऑयलमील के विदेशी निर्यात को बढ़ावा देने के लिये सरकार भारत से व्यापारिक निर्यात योजना के तहत मौजूदा 5% के प्रोत्साहन को बढ़ा कर 10% करने पर विचार कर रही है। ऑयलमील निर्यात में सोयामील, सरसोंमील, मूंगफलीमील, राइसब्रानमील और कैस्टरमील शामिल है। बाजारों में सोयाबीन की कम आवक से भी कीमतों को मदद मिल सकती है।
सरसों वायदा (दिसंबर) की कीमतें 4,225 रुपये से ऊपर कारोबार करती है तो कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है तब तक कीमतें 4,110-4,155 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। हाल ही में नाफेड द्वारा सरसों की बिक्री अगली सूचना तक रोके जाने से भी कीमतों को मदद मिल रही है। लेकिन मौजूदा सीजन में किसानों द्वारा सरसों की बुआई में बढ़ोतरी की जा सकती है क्योंकि सरसों की खेती में पानी की कम आवश्यकता होती है, जिससे कीमतों पर दबाव रह सकता है।
सीपीओ (दिसंबर) वायदा कीमतों की गिरावट जारी रह सकती है और कीमतों में 497-487 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। शुक्रवार को मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में 3% से अधिक की गिरावट हुई है। अधिक भंडार के दबाव से बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों के इस हफ्ते 1,750-1,850 रिंगिट तक गिरावट होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 19 नवंबर 2018)
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