सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतें पिछले हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुई हैं।
इससे पता चलता है कि कारोबारी अधिक कीमतों पर नयी खरीदारी को लेकर काफी सतर्क हैं। आगामी दिनों में सोयाबीन वायदा में बिकवाली का दबाव रह सकता है और कीमतों में 3,745 रुपये तक गिरावट हो सकती है। मध्य प्रदेश कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार राज्य में 2018-19 (जुलाई-जून) में सोयाबीन का उत्पादन 35.3% की बढ़ोतरी के साथ 72 लाख टन होने की संभावना से कीमतों की तेजी पर रोक लगी रह सकती है। विश्व में बाजार में कारोबारी यूएसडीए द्वारा जारी होने वाले 2018 की अंतिम कृषि उत्पादन एवं मासिक फसल आपूर्ति प्रति माँग की रिपोर्ट से पहले सावधानी बरत रहे हैं।
सरसों वायदा (फरवरी) की कीमतों में रिकवरी जारी रहने की संभावना नहीं है और कीमतों को 4,020 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है। कारोबारियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पुराने स्टॉक की लगातार बिक्री से बाजारों में बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है। नाफेड के पास अभी भी लगभग 2.18 लाख टन सरसों का स्टॉक है। इसके अतिरिक्त हाल ही में उत्पादन क्षेत्रों में बारिश और कोहरा सरसों की फसल के लिए लाभदायक हो रहा है और उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है।
सीपीओ वायदा (फरवरी) की कीमतों में पिछले पाँच हफ्ते से एकतरफा तेजी दर्ज की जा रही है और कीमतों के 560-570 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। दक्षिण अमेरिका में सूखे मौसम और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार विवादों के समाधान की उम्मीद से सीबोट में सोया तेल की कीमतों के सात महीने के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों को भी मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 04 फरवरी 2019)
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