कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों के 20,800-21,065 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
विदेशी बाजारों और घरेलू धागा मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। वर्तमान समय में निर्यात माँग काफी सुस्त है, क्योंकि घरेलू कपास की कीमतें विदेशी बाजार की तुलना में लगभग 74-75 सेंट अधिक हैं। आगामी दिनों में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ता की प्रगति से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों को दिशा मिल सकती है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों के 4,230-4,320 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों के 8,475-8,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। फंडामेंटल के अभाव और कीमतों के स्पष्ट रुझान के अभाव के कारण खरीदार नयी खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार एल्नीनो के बनने की संभावना 60% है, जिसे देखते हुए कारोबारी सतर्कता बनाये हुए हैं। इसके अतिरिक्त दोनों ही डेरिवेटिव्स में ओपेन इंटेरेस्ट कम हो रहा है, जिससे पता चलता है कि ट्रेंड बदल सकता है।
चना वायदा (मार्च) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और किसी भी शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) को 4,250-4,270 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। नाफेड द्वारा चना की बिकवाली, खासतौर से राजस्थान और मध्य प्रदेश में, में बढ़ोतरी के दबाव और और नयी फसल की आवक में बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में चना में नरमी का रुझान देखा जा रहा है।
मेंथा ऑयल वायदा (मार्च) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें यदि 1,585 रुपये के नजदीक बाधा को पार करती है तो 1,600 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। समय से बारिश नहीं के कारण बुआई में देरी होने से उत्पादकता में गिरावट होने की आशंका से कीमतों में तेजी का रुझान बना रह सकता है। (शेयर मंथन, 04 फरवरी 2019)
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों के 4,230-4,320 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों के 8,475-8,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। फंडामेंटल के अभाव और कीमतों के स्पष्ट रुझान के अभाव के कारण खरीदार नयी खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार एल्नीनो के बनने की संभावना 60% है, जिसे देखते हुए कारोबारी सतर्कता बनाये हुए हैं। इसके अतिरिक्त दोनों ही डेरिवेटिव्स में ओपेन इंटेरेस्ट कम हो रहा है, जिससे पता चलता है कि ट्रेंड बदल सकता है।
चना वायदा (मार्च) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और किसी भी शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) को 4,250-4,270 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। नाफेड द्वारा चना की बिकवाली, खासतौर से राजस्थान और मध्य प्रदेश में, में बढ़ोतरी के दबाव और और नयी फसल की आवक में बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में चना में नरमी का रुझान देखा जा रहा है।
मेंथा ऑयल वायदा (मार्च) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें यदि 1,585 रुपये के नजदीक बाधा को पार करती है तो 1,600 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। समय से बारिश नहीं के कारण बुआई में देरी होने से उत्पादकता में गिरावट होने की आशंका से कीमतों में तेजी का रुझान बना रह सकता है। (शेयर मंथन, 04 फरवरी 2019)
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