अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 6,420 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में पुरानी हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन कारोबारियों को कोई नया ऑर्डर नहीं मिल रहा है, जबकि विक्रेता नयी और पुरानी दोनों हल्दी के लिए अधिक कीमतों की माँग कर रहे हैं।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 15,780 रुपये से नीचे ही रह सकती हैं। हाजिर बाजारों में अनुमान से अधिक आवक होने के बीच बिकवाली के दबाव और खरीदारी कम होने के कारण कीमतों में नरमी का रुझान देखा जा रहा है।
धनिया वायदा (अप्रैल) में निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतों को 6,080 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। राजस्थान के रामगंज मंडी में धनिया की नयी फसल की आवक शुरू होने लगी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक कीमत पर बिक रही है।
इलायची वायदा (फरवरी) की कीमतों को 1,620 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। सऊदी अरब के साथ कीटनाशक की मौजूदगी के मुद्दे के कारण भारत से निर्यात काफी कम हो रहा है। विदेशों को होने वाले निर्यात के लगभग 11 वर्षो में सबसे कम होने की संभावना से कारोबारी काफी निराश हैं। 2017-18 में रिकॉर्ड 5,680 टन इलायची के निर्यात के बाद 2018-19 में केवल 900 टन निर्यात होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 08 फरवरी 2019)
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