हाजिर बाजारों में अधिक माँग के कारण हल्दी वायदा (मई) की कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है और कीमतें 6,800-7,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
इरोद के कारोबारियों को नया ऑर्डर मिला है और इसलिए वे माँग को पूरा करने के लिए अच्छी मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं। यदि कारोबारियों को अधिक ऑर्डर मिलते हैं तो वे अधिक कीमतों पर हल्दी की खरीदारी कर सकते हैं। अप्रैल के अंत तक इरोद क्षेत्रों में नयी हल्दी की आवक होने लगेगी। पिछले तीन महीने से मैसूर और ध्रमपुरी से बिक्री के लिए नयी हल्दी की आवक हो रही है और कारोबारी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए खरीदारी कर रहे हैं।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों में तेजी का रुझान देखा जा रहा है और कीमतें 16,600-16,700 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। चीन और बांग्लादेश की ओर से जोरदार माँग के कारण ऊंझा बाजार में जीरे की कीमतें एक महीने के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं। प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने की संभावना से भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसा अनुमान है कि मौजूदा सीजन में तुर्की और सीरिया में अधिक बारिश के कारण उत्पादन कम हो सकता है। विदेशी बाजार में इन दोनों देशों की जीरे की अधिक कीमतों के कारण भारतीय जीरा बेहतर विकल्प हो गया है।
धनिया वायदा (मई) की कीमतों में 7,300-7,400 रुपये तक तेजी बरकरार रहने की संभावना है। इस वर्ष कम आपूर्ति और मलेशिया, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों से अधिक निर्यात माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। (शेयर मंथन, 15 अप्रैल 2019)
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