कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 21,800 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
भारतीय कपास निगम के अनुसार 2018-19 सीजन में भारत से लगभग 47 लाख बेल कपास का निर्यात होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22 लाख बेल कम है। इसके साथ ही अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार 2018-19 सीजन में पिछले महीने में अमेरिकी कपास की खपत कम होने और भंडार में बढ़ोतरी के अनुमान के बाद आईसीई में कपास की कीमतो में नरमी का रुझान है। पिछले महीने में 31 लाख बेल अमेरिकी कपास के खपत का अनुमान है, जो 1890 के बाद सबसे कम खपत है। अंतिम स्टॉक 44 लाख बेल रहने का अनुमान है, जो पिछले अनुमान की तुलना में 1,00,000 बेल अधिक है।
चना वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,410 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। मूँग को छोड़कर अधिकांश दालों की कम माँग के कारण कीमतों में नरमी का रुझान है। दालों और बेसन की कम माँग को देखते हुए मिलों द्वारा कम खरीदारी और बाजारों में अधिक आवक के कारण देश के बाजारों में कीमतों में मिला-जुला रुझान है।
मेंथा ऑयल वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,470-1,490 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से निचले स्तर पर खरीदारी के कारण सेंटीमेंट बेहतर है। मौजूदा कीमतों पर घरेलू और विदेशी खरीदारों की ओर से भी खरीदारी हो रही है। मेंथा ऑयल की प्रमुख खपत फॉर्मा, कॉस्मेटिक, टूथपेस्ट, और कंफेक्शनरी उद्योग में अधिक होती है। (शेयर मंथन, 12 अप्रैल 2019)
चना वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,410 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। मूँग को छोड़कर अधिकांश दालों की कम माँग के कारण कीमतों में नरमी का रुझान है। दालों और बेसन की कम माँग को देखते हुए मिलों द्वारा कम खरीदारी और बाजारों में अधिक आवक के कारण देश के बाजारों में कीमतों में मिला-जुला रुझान है।
मेंथा ऑयल वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,470-1,490 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से निचले स्तर पर खरीदारी के कारण सेंटीमेंट बेहतर है। मौजूदा कीमतों पर घरेलू और विदेशी खरीदारों की ओर से भी खरीदारी हो रही है। मेंथा ऑयल की प्रमुख खपत फॉर्मा, कॉस्मेटिक, टूथपेस्ट, और कंफेक्शनरी उद्योग में अधिक होती है। (शेयर मंथन, 12 अप्रैल 2019)
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