कॉटन वायदा (मई) की कीमतों में 16,000-16,650 रुपये तक रिकवरी हो सकती है।
सबसे पहले, भारतीय कपास दुनिया भर में कहीं भी सस्ता है और वैश्विक स्तर पर कीमतों में 12-15 प्रतिशत की छूट पर कारोबार कर रहा है। इसलिए, हम उन देशों से निर्यात ऑर्डर आकर्षित कर सकते हैं जो धीरे-धीरे लॉकडाउन खोल रहे हैं। दूसरे, कारोबारी फिर से चीन की ओर से माँग को लेकर आशावादी हो गए हैं, विशेष रूप से अमेरिकी सरकार की निर्यात बिक्री रिपोर्ट के बाद, जिसमें चीन को अधिक बिक्री हुई है।
चना वायदा (जून) की कीमतें 4,100-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। लॉकडाउन स्थिति के कारण व्यापार संबंधी गतिविधियाँ न्यूनतम हैं और परिवहन की कठिनाई के कारण दैनिक आवक में भारी गिरावट हुई है। आम तौर पर मई तक आवक अधिकतम अधिक हो जाती है लेकिन इस बार अधिकतम आवक की संभावना जून में है। रेस्तरां, छोटे भोजनालय, बड़ी खुदरा चेन आदि को बंद करने के कारण माँग काफी कम हो गयी है, जो कुल माँग पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
कैस्टरसीड वायदा की कीमतें वर्ष के निचले स्तर 3,608 रुपये पर कारोबार कर रही है और जून वायदा की कीमतों में यह रुझान 3,500 रुपये तक जारी रह सकता है। कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर दुनिया भर में विनिर्माण और व्यापार पर अंकुश के कारण 2019-20 (अप्रैल-मार्च) के आखिरी चरण में भारत से कैस्टर तेल का निर्यात बाधित हुआ है। 2019-20 (अप्रैल-मार्च) में विदेशों को कैस्टर तेल का निर्यात लगभग 500,000 टन रहा है, जबकि पिछले वर्ष में 570,000 टन था। लॉकडाउन के दौरान मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री में भारी गिरावट हुई है।
चीन, जापान, अमेरिका और यूरोप से अनुमान से कम माँग के कारण आने वाले महीनों में निर्यात के आँकड़ों के कम रहने की संभावना है। कैस्टर तेल की घरेलू माँग में 40-45% की गिरावट आई है क्योंकि तालाबंदी के कारण तिलहन और कुल व्यापार प्रभावित हुआ है। (शेयर मंथन, 11 मई 2020)
चना वायदा (जून) की कीमतें 4,100-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। लॉकडाउन स्थिति के कारण व्यापार संबंधी गतिविधियाँ न्यूनतम हैं और परिवहन की कठिनाई के कारण दैनिक आवक में भारी गिरावट हुई है। आम तौर पर मई तक आवक अधिकतम अधिक हो जाती है लेकिन इस बार अधिकतम आवक की संभावना जून में है। रेस्तरां, छोटे भोजनालय, बड़ी खुदरा चेन आदि को बंद करने के कारण माँग काफी कम हो गयी है, जो कुल माँग पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
कैस्टरसीड वायदा की कीमतें वर्ष के निचले स्तर 3,608 रुपये पर कारोबार कर रही है और जून वायदा की कीमतों में यह रुझान 3,500 रुपये तक जारी रह सकता है। कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर दुनिया भर में विनिर्माण और व्यापार पर अंकुश के कारण 2019-20 (अप्रैल-मार्च) के आखिरी चरण में भारत से कैस्टर तेल का निर्यात बाधित हुआ है। 2019-20 (अप्रैल-मार्च) में विदेशों को कैस्टर तेल का निर्यात लगभग 500,000 टन रहा है, जबकि पिछले वर्ष में 570,000 टन था। लॉकडाउन के दौरान मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री में भारी गिरावट हुई है।
चीन, जापान, अमेरिका और यूरोप से अनुमान से कम माँग के कारण आने वाले महीनों में निर्यात के आँकड़ों के कम रहने की संभावना है। कैस्टर तेल की घरेलू माँग में 40-45% की गिरावट आई है क्योंकि तालाबंदी के कारण तिलहन और कुल व्यापार प्रभावित हुआ है। (शेयर मंथन, 11 मई 2020)
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