सोयाबीन वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 3,730-3,800 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
कमजोर उपलब्धता के बीच, प्लांट डिलीवरी के लिए सोयाबीन की कीमतें बढ़कर 3,900 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुँच गयी है। कमजोर आवक के कारण सोयाबीन की कीमतें 3,750-3,850 प्रति क्विंटल पर बंद हुई है। घरेलू माँग में सुधार के कारण सोया डीओसी की कीमतें 3,000 रुपये प्रति टन रही। सीबोट में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट हुई है लेकिन अगस्त में सूखे मौसम के कारण फसल को नुकसान पहुँचने की आशंका से गिरावट सीमित रही।
सरसों वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 5,130 के स्तर पर सहारा के साथ 5,200-5,220 रुपये के स्तर पर पहुँच की संभावना है। कम फसल का अनुमान, त्यौहार और मौसमी माँग और नेफेड द्वारा कीमतों में वृद्धि के कारण सरसों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई हैं। कुल मिलाकर बाजार की अनुकूल स्थितियों ने स्टॉकिस्टों और किसानों को बेहतर कीमत के लिए स्टॉक रखने के लिए प्रोत्साहित किया। बाजार सूत्रों के अनुसार कीमतों में बढ़ोतरी जारी रह सकती है क्योंकि अगली फसल सात महीने बाद आयेगी। किसान अपनी फसल को अपनी आर्थिक जरूरत के अनुसार बेच रहे हैं।
सोया तेल (सितम्बर) की कीमतों को 876 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है, जबकि सीपीओ (अगस्त) की कीमतें 750-765 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। त्यौहारी सीजन के बावजूद कमजोर माँग और सस्ते आयातित तेल की पर्याप्त उपलब्धता के कारण इंदौर की मंडियों में सोया और अन्य तेलों की कीमतों की बढ़त पर रोक लग गयी है। कारोबारियों के खाद्य तेलों की ब्रिकी, जो महामारी के प्रकोप के कारण बाधित हुई थी, वह फिर से बढ़ रही हैष लेकिन ब्रिकी की गति उम्मीदों के अनुकूल नहीं और इसके कोविड से पहले के स्तर तक पहुँचने में छह महीने और लगेंगे। आपूर्ति भी अधिक हो रही है। डेलियन एक्सचेंज और सीबोट में सोया तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कल बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 19 अगस्त 2020)
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