सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 3,880-3,990 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
कारोबारियों को अगले 15-20 दिनों में आवक दबाव रहने की उम्मीद है, क्योंकि फसल कटाई पूरे मध्य प्रदेश में होगी। अब तक माँग सुस्त है क्योंकि फसल में नमी की मात्रा 15-25% है जो मानक स्तर 10-12% से अधिक है।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 5,260-5,355 के दायरे में सीमित कारोबार की संभावना है। जयपुर और उत्पादक राज्यों के अन्य बाजारों में सरसों की कीमतों में गिरावट हुई है। जयपुर में सरसों की कीमतें 20 रुपये कम होकर 5,445-5,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गयी। नये सीजन का सोयाबीन बहुत जल्द बाजार में आने की संभावना से सरसों की कीमतों पर दबाव पड़ा। सभी उत्पादक राज्यों में सरसो की आवक लगभग 170,000 थैलों पर स्थिर रही। सरसों का तेल भी आनुपातिक रूप से कम हुआ। सरसों का तेल जयपुर में 1,095-1,096 रुपये प्रति 10 किलोग्राम और आसपास के क्षेत्रों में 1,085-1,086 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रहा है। सरसों केक की कीमतें स्थिर रही है।
सोया तेल (अक्टूबर) की कीमतों के 932-945 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और सीपीओ (सितंबर) की कीमतें 795-805 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। शुक्रवार को जारी अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) की मासिक रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने में खराब मौसम के कारण पिछले अनुमान की तुलना में कम उत्पादन होने के अनुमान के बाद कारोबारियों के बीच सेंटीमेंट बेहतर हो गया है। चीन की ओर से मजबूत माँग के बावजूद यूएसडीए सोयाबीन निर्यात के अनुमान में कोई बदलाव नही किया है। अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार चीन को 327,000 टन अमेरिकी सोयाबीन की बिक्री हुई है। दूसरे, जून और जुलाई में भारी बारिश ने इंडोनेशिया और मलेशिया में पॉम उत्पादन को भी प्रभावित हुआ है जिसके कारण दुनिया भर में महामारी के कारण खपत में गिरावट के बावजूद कीमतों में तेजी आयी है। (शेयर मंथन, 18 सितंबर 2020)
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