कमोडिटीज बाजार में तेज गिरावट के बावजूद एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में तेजी का रुझान बना हुआ है।
इसका कारण यह है कि माँग काफी मजबूत हैं। ऐसी खबर है कि कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया एक महत्वपूर्ण करार पर नजर गड़ाये हुये है, जिसके तहत बांग्लादेश को लगभग 10-15 लाख बेल कपास का सीधे निर्यात होगा। इससे सरकार सीधे दूसरे देशों को भी कपास का निर्यात कर सकेगी। यह देखते हुये, यदि कीमतें 18,100 रुपये से ऊपर कारोबार करती हैं और बनी रहती हैं तो 18,300-18,400 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में भी तेजी का रुझान है और इसकी बेहतर माँग के कारण 5,400-5,500 रुपये तक तेजी बनी रह सकती है। लॉकडाउन तक गरीबों को केंद्र से भोजन की मदद के कारण चना की माँग बढ़ गयी है, जिससे इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही है। यदि होटल के साथ-साथ रेस्टोरेंट खोलने से और अक्टूबर-नवंबर में त्यौहारी सीजन के दौरान घरेलू खपत बढत़ी है, तो व्यापारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कीमतों और बढ़ेगी। खबरों में केंद्र ने आवश्यक वास्तुओं की सूची से विभिन्न कृषि वस्तुओं, जिसमें दाल भी शामिल है, को हटाने के लिए एक विधेयक पारित किया है। इसके अलावा, प्रोसेस और मूल्य श्रृंखला के कारोबारियों को स्टॉक सीमा मुक्त किया गया है। सरकार द्वारा उठाये गये इस कदम निश्चित रूप से दालों की माँग बढ़ेगी और कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 3,850 रुपये तक गिरावट होने की उम्मीद है, जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) में भी नरमी रहने की संभावना है और कीमतें 5,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। ग्वारगम पाउडर निर्माताओं की ओर से कम माँग के कारण सेंटीमेंट में गिरावट आयी है। कच्चे तेल ग्रेड ग्वारगम पाउडर के लिए माँग कम है। ग्वारगम पाउडर निर्माता खाद्य ग्रेड ग्वारगम पाउड का उत्पादन कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 28 सितंबर 2020)
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