कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 19,600-19,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण कर्नाटक में कपास की कीमतें 3,00-4,00 रुपये प्रति कैंडी कम हो गयी है। महाराष्ट्र में मिल की ओर से खरीदारी कम होने से कपास की कीमतों में 500 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है। मध्य प्रदेश में कपास की कीमतें बुधवार को लगातार दूसरे दिन स्थिर रही, क्योंकि मिलों की ओर से माँग कम रही। कारोबारियों के अनुसार यद्यपि भारतीय कपास निगम राज्य की मंडियों में खरीदारी कर रही है, लेकिन खरीद सीमित मात्रा में हो रही है।
चना वायदा (नवंबर) की कीमतों में 5,250-5,200 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। हाल ही में दालों की कीमतों में बढ़ोतरी को काबू में करने के लिए, केंद्र सरकार ने अपने बफर स्टॉक से 40,000 टन तुअर दाल को छोटे खुदरा बाजार में उतारने की योजना बनायी है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, पाँच राज्यों ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर केंद्रीय बफर स्टॉक से एक लाख टन दाल खरीदने की दिलचस्पी दिखाई है।
ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,300-4,350 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। जबकि, ग्वारगम वायदा (नवंबर) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 6,550-6,600 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। राजस्थान के हाजिर बाजारों में ग्वारगम और ग्वारसीड की कीमतों में तेजी का रुख जारी रहा। कई मंडियों में नये ग्वारसीड की कीमत बढ़कर 4,000 प्रति क्विंटल से अधिक हो गयी। लेकिन गुजरात की कई मंडियों और अन्य आस-पास की मंडियों में कीमतें कम रही। जोधपुर में ग्वारसीड की कीमत 25 रुपये बढ़कर 4,050 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि जयपुर में 4,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है। जोधपुर में ग्वारगम की कीमतें 6,400 रुपये प्रति क्विंटल और जयपुर में 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हा गयी है। (शेयर मंथन, 23 अक्टूबर 2020)
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