कॉटन वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 19,400-19,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
दक्षिण भारत की मंडियों में दैनिक आवक 6.8% बढ़कर 7,800 बेल हो गयी जबकि उत्तर भारत की मंडियों में 1,000 बेल घटकर 55,000 बेल और मध्य भारत की मंडियों में लगभग 26% बढ़कर 60,000 बेल हो गयी है। संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में जमा देने वाली ठंड के मौसम और उष्णकटिबंधीय तूफान जेटा से फसल नुकसान की आशंका से आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतें 18 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है। राष्ट्रीय तूफान केंद्र ने कहा कि ट्रॉपिकल स्टॉर्म जेटा बुधवार को खड़ी तट से टकरा सकता है, जिसमें लुइसियाना से फ्लोरिडा पान्डेल तक तूफान के बढ़ने, बारिश और हवा के प्रभाव का खतरा है।
चना वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 5,300-5,355 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। 26 अक्टूबर की अधिसूचना में, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 4 लाख मीटिंक टन तुअर के आयात के लिए आवंटित कोटा के आयात की समय सीमा को एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया है। तुअर के आयात के लिए जारी किये जाने वाले लाइसेंस की वैधता 31 दिसंबर 2020 तक होगी, और आयातित तुअर 31.12.2020 तक भारतीय बंदरगाहों पर आनी प्रति उतरनी चाहिये।
ग्वारसीड वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 4,450-4,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है और ग्वारगम वायदा (नवम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,850-6,900 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के हाजिर बाजारों में ग्वार कॉम्प्लेक्स में तेजी का रुझान रहा। जोधपुर में मिलों को डिलीवरी के लिए ग्वारसीड 75 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,175 रुपये प्रति क्विंटल में बेचा गया जबकि, ग्वारगम की कीमतें 100 रुपये बढ़कर 6,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है। जयपुर मंडी में ग्वारसीड की कीमतें 25 रुपये बढ़कर 4,060-4,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है जबकि ग्वारगम स्प्लिट की कीमतों में 175 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 28 अक्टूबर 2020)
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