कॉटन वायदा (नवम्बर) की कीमतों में 19,500-19,400 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
वैश्विक मोर्चे पर कमजोरी के चलते राजस्थान में कपास की कीमतों में गुरुवार को 100-150 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट दर्ज की गयी। राज्य की मंडियों में कीमत में गिरावट के बाद पिछले सत्र में स्थिरता रही। मिलों की ओर से कमजोर खरीदारी के कारण कपास की कीमतों में पिछले दो दिनों में 100-200 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है। मिलों की ओर से कम खरीद और बेहतर आवक के बीच महाराष्ट्र में कपास की कीमतों में लगातार तीसरे दिन स्थिरता रही। कारोबारियों के अनुसार मौसम की स्थिति में व्यापक सुधार होने से आपूर्ति के सूखा रहने की उम्मीद है। गुजरात में कपास की कीमतें 100-150 रुपये घट गयी क्योंकि भारतीय कपास निगम ने राज्य की मंडियों में एमएसपी की खरीद शुरू नहीं की है।
चना वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 5,240-5,340 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। ऐसी खबर है कि चना की कीमतों के अधिक 5,000-5,100 रुपये प्रति क्विंटल होने के बाद उद्योग दलहन फसल पर आयात शुल्क में कमी करने की माँग कर रहा हैं। चना पर आयात शुल्क 60 फीसदी है। लेकिन सरकार ने व्यापारियों के अनुरोध पर ध्यान देने से इनकार कर दिया है क्योंकि इससे उन किसानों के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे जो अपनी रबी की फसल बोने के लिए तैयार हैं।
ग्वारसीड वायदा (नवम्बर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,200-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और ग्वारगम वायदा (नवम्बर) की कीमतों में 6,450-6,400 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के हाजिर बाजारों में ग्वारसीड की कीमतों में 150-175 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। उन मंडियों में कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गयी, जहाँ किसानों ने अपनी फसल खूले में बेची। मिलों को डिलीवरी के लिए भी ग्वारसीड की कीमत में थोड़ी गिरावट देखी गयी है। हाजिर बाजारों में ग्वारगम के भाव स्थिर रहे। ग्वारसीड की कीमतों में बीकानेर में 98 रुपये श्री गंगानगर में 70 रुपये और आदमपुर में 54 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई (शेयर मंथन, 30 अक्टूबर 2020)
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