सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 4,250 रुपये के पास सहारा बरकरार रहने की संभावना है, कीमतों के 4,450-4,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बेहतर फंडामेंटल से कीमतों को मदद मिल रही है। ब्राजील में शुष्क मौसम और चीन की ओर से मजबूत माँग के कारण अगस्त के अंत से शिकागो सोयाबीन वायदा की कीमतें सबसे अधिक बढ़त की ओर अग्रसर है। घरेलू बाजार में सोयाबीन की फसल को नुकसान और संक्रमित फसलों की आवक की रिपोर्ट के कारण इंदौर की मंडियों में सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। सोयाबीन तेल और सोयामील की अधिक माँग के कारण मिलों के लिए मार्जिन 120 प्रति 150 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गयी हैं, जिससे मिलें अधिक मात्रा में ताबड़तोड़ पेराई कर रही हैं। इससे सोयाबीन की माँग अधिक बनी हुई है। आरएम सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों में भी तेजी का रुझान है और 6,350-6,500 रुपये के स्तर के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये कीमतों में हर गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में लिया जा सकता है।
सरसों के स्टॉक तेज गति से कम हो रहे हैं और कम फसल के कारण अगले सीजन के लिए स्टॉक बहुत कम होगा और अधिक खपत ने स्टॉकिस्टों के बीच खरीदारी की होड़ को बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, 31 अक्टूबर को, भारत में सरसों का स्टॉक मात्रा 15.50 लाख टन था। इस बीच नयी फसल की मंडियों में आवक फरवरी में होगी। इसलिए खरीदारों को जनवरी तक वर्तमान स्टॉक पर निर्भर रहना होगा।
सोया तेल वायदा (दिसम्बर) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 1,020-1,030 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है, जबकि सीपीओ (नवम्बर) की कीमतें भी 880-900 रुपये तक बढ़त जारी रह सकती है। वैश्विक बाजार में, मुख्य रूप से खाद्य तेलों की आपूर्ति में व्यवधन और खाद्य तेलों के लिए चीन की ओर से मजबूत माँग के कारण कीमतें कई वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं। (शेयर मंथन, 09 अक्टूबर 2020)
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