सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 4,350-4,450 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है।
आपूर्ति को लेकर चिंतायें हैं क्योंकि पिछले वर्ष की तुलना में अभी भी आवक कम है। कुल मिलाकर, भोजन के उपयोग के लिए आपूर्ति कम रहेगी, बाद में मुख्य रूप से पशुआहार के लिए। पिछले महीने के दौरान, सितंबर में मौसम सूखा थी, लेकिन पिछले महीने से मिट्टी में भारी नमी और मॉनसून की देर से वापसी ने सामान्य फसल को बाधित कर रही थी। अक्टूबर की शुरुआत में (महाराष्ट्र में) कुछ बेमौसम बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप फसल कटाई के बाद कुछ नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, शिकागो में सोयाबीन वायदा की कीमतें स्थिर है क्योंकि दक्षिण अमेरिका में निरंतर सूखे मौसम के कारण ब्राजील और अर्जेंटीना में फसल पर दबाव बढ़ गया है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सबसे सक्रिय सोयाबीन वायदा पिछले सप्ताह लगभग चार साल के उच्च स्तर पर 12.00 डॉलर प्रति बुशल पर कारोबार करने के बाद 11.91 डॉलर प्रति डॉलर पर समाप्त हुआ।
आरएम सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 5,820-5,920 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। क्योंकि इस रबी सीजन में उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है। इस वर्ष किसानों को अधिक बुवाई की ओर आकर्षित करने वाला मुख्य कारक रिकॉर्ड अधिक कीमतें है। कृषि मंत्रालय ने 2020-21 में पिछले वर्ष के लगभग 9.1 मिलियन टन के मुकाबले रिकॉर्ड 12.5 मिलियन टन सरसों उत्पादन का लक्ष्य रखा है। सीपीओ वायदा (दिसम्बर) की कीमतों को 895 रुपये के पास रुकावट का सामना करने की उम्मीद है जबकि सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतें 1,068-1,088 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। पॉम ऑयल की माँग कम होने लगी है क्योंकि यह सर्दियों के मौसम में जम जाता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वित्त मंत्रालय ने आयात शुल्क में 10% की कटौती की है जिससे आयात के माध्यम से आपूर्ति बढ़ सकती है। लेकिन मलेशियाई पॅाम तेल वायदा ने पिछले हफ्ते की अपनी बढ़त को बनाये रखा क्योंकि भारत द्वारा आयात कर को कम करने के बाद खरीद में तेजी आ गयी। (शेयर मंथन, 01 दिसंबर 2020)
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