कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 19,680-19,950 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार भारत से कपास निर्यात पिछले 60 लाख बेल के अनुमान की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत घटाकर 54 लाख बेल (170 किलो प्रत्येक) होने का अनुमान है। नवंबर 2020 के नवीनतम मासिक फसल अनुमान में एसोसिएशन ने वर्ष में कुल उत्पादन अनुमान 356 लाख बेल को बनाये रखा है। अक्टूबर और नवंबर के दौरान कुल आवक 91.57 लाख बेल होने का अनुमान है। व्यापार मंडल ने यह भी बताया कि 30 नवंबर, 2020 तक उनके गोदामों में मिलों द्वारा रखे गये कपास का स्टॉक 40.00 लाख बेल रहने का अनुमान है, जो 43 दिनों के कपास स्टॉक के बराबर है।
चना वायदा (दिसंबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 4,500-4,450 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चना की बुआई पिछले वर्ष की कुल बुआई की तुलना में अधिक हो जाने के कारण फंडामेंटल अभी भी कमजोर है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 3,800-3,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि ग्वारगम वायदा (दिसंबर) की कीमतें 5,800-5,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। राजस्थान, हरियाणा और गुजरात की मंडियों में ग्वारगम समूह की कीमतों में नरमी का रुझान देखा
जा रहा है, क्योंकि अमेरिका से तेल रिगों की संख्या में कमी के कारण ग्वारगम की माँग भी कम हो गयी है। माँग में बढ़ोतरी पर्यावरण और तेल और गैस की खोज पर डेमोक्रेट सरकार की नीति पर निर्भर करेगा। औसतन हर महीने लगभग 14,000-15,000 टन निर्यात होता है जो 50% से कम है। मंडियों में भी स्टॉकिस्ट अपनी आवश्यकता के अनुसार खरीद रहे हैं। (शेयर मंथन, 09 दिसंबर 2020)
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