अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सकारात्मक संकेत लेते हुये राष्ट्रीय एक्सचेंज में सोयाबीन वायदा की कीमतें अपने 6 साल के उच्चतम स्तर 4,567 रुपये से थोड़ा ही नीचे कारोबार कर रही है।
यह तेजी 4,650-4,680 रुपये तक बनी रहेगी क्योंकि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में सूखे मौसम के बाद सीबोट पर कारोबारियों ने लांग पोजिशन में बढ़ोतरी की है। लगातार 14 दिनों तक बढ़ोतरी दर्ज करने के बाद सोयाबीन की कीमतें 37% की वार्षिक बढ़त की ओर अग्रसर है, जो 2007 के बाद से सबसे अधिक बढ़ोतरी वाला वर्ष है। सोयाबीन की कीमतों में वृद्धि मोटे तौर पर 2020-21 में अपेक्षित अधिक निर्यात के कारण हुई है। यूएसडीए के अनुसार कुल 59.87 मिलियन टन निर्यात का पूर्वानुमान है जो वर्ष-दर-वर्ष पर 31% अधिक है। अनुमान से अधिक निर्यात बिक्री के कारण आगामी विश्व कृषि माँग और आपूर्ति अनुमान में 2020-21 में अमेरिकी सोयाबीन का निर्यात अधिक होने की संभावना है। अमेरिकी सोयाबीन किसानों ने 2020-21 में अनुमानित कुल सोयाबीन निर्यात का लगभग 89.9% 1 सितम्बर से 10 दिसंबर के बीच बेच दिया है, जबकि समान अवधि में 5 साल की औसत बिक्री 66.6% है।
सोया वायदा (जनवरी) की कीमतों के 1,200-1,210 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है और सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतें 985-990 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। मलेशियाई पॅाम तेल वायदा की कीमतों में पिछले साल 18% की बढ़ोतरी हुई है। प्रतिकूल मौसम और बुनियादी ढाँचे के मुद्दों की वजह से आपूर्ति में कमी हुई है जबकि माँग अधिक बनी हुई है। बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में मार्च डिलीवरी के लिए बेंचमार्क पाम ऑयल कॉन्टैक्ट की कीमतें वर्ष के अंतिम कारोबारी दिन 14 रिंगिट, या 0.4% बढ़कर 3,602 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुई है।
आरएम सीड वायदा (जनवरी) की कीमतों में तेजी का रुझान दिख रहा है और कीमतें तेजी के रुझान के साथ 5,850-5,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। राजस्थान और अन्य उत्पादक राज्यों के हाजिर बाजार में सरसों की कीमतों में तेजी जारी रही। स्टॉकिस्ट और प्रोसेसर तेल समूह में मिले-जुले रुझान के बावजूद बहुत आक्रामक तरीके से तिलहन खरीद रहे है। (शेयर मंथन, 01 जनवरी 2021)
Add comment