बर्डफ्लू के प्रकोप के कारण पोल्ट्री क्षेत्र की ओर से माँग में कमी और सीबोट में नरमी के सेंटीमेंट के कारण सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतों 4,400-4,500 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
भारत में, एवियन फ्लू का महत्वपूर्ण आर्थिक असर है। जब चिकन की कीमतें लूढ़क जाती हैं, तो मक्का और सोयामील की कीमतों में भी गिरावट होती है। सीबोट में सोयाबीन वायदा की कीमतों में पिछले हफ्ते की बिकवाली के बाद चीन ओर से भारी माँग के कारण अमेरिकी आपूर्ति कम होने के आशंका से कल उछाल दर्ज की गयी है रॉयटर्स पोल में अनुमान के अनसार, ब्राजील में रिकॉर्ड 132.2 मिलियन टन सोयाबीन का उत्पादन होने का अनुमान है। लेकिन कारोबारी अभी भी इस बारे में सतर्क हैं कि ब्राजील में फसल कटाई की धीमी शुरुआत के बाद विश्व बाजार में आपूर्ति कब तक होगी। खाद्य तेलों में कमी के कारण हाजिर बाजार में फिजिकल माँग में कमी और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में तिलहन काउंटरों में नरमी के कारण कीमतों की शार्ट कवरिंग पर रोक रहने की संभावना है।
सोया तेल वायदा (फरवरी) की कीमतों के 1,040-1,060 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (फरवरी की कीमतें 910-925 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। जनवरी में सुस्त निर्यात और प्रतिद्वंद्वी सोया तेल की कीमतों में नरमी के सेंटीमेंट के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतों में दो दिनों से ही गिरावट पर रोक लग गयी है और कीमतों में 0.7% की बढ़ोतरी हुई है लेकिन कमजोर निर्यात के कारण बढ़त सीमित रही। अधिक उत्पादन अनुमान के कारण आरएम सीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में 5,300-5,200 रुपये तक गिरावट होने की उम्मीद है।
सरसों के उत्पादन क्षेत्र में इस साल रिकॉर्ड 7.34% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और मध्य प्रदेश में अधिक उत्पादन क्षेत्र की खबर है। (शेयर मंथन, 27 जनवरी 2021)
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