राष्ट्रीय एक्सचेंज में सोयाबीन वायदा की कीमतें 5 साल की ऊँचाई पर कारोबार कर रही है और मार्च वायदा की कीमतों में 4,820 रुपये के पास सहारा के साथ यह तेजी 4,950 रुपये तक जारी रह सकती है।
भारतीय सोयामील की कीमतें अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना के सोयामील के मुकाबले कम हैं। इससे भारत का सोयामील निर्यात बढ़ रहा है। वर्तमान तेल बाजार वर्ष (अक्टूबर 2020-सितंबर 2021) में भारत का सोयामील निर्यात दोगुना होकर 18 लाख टन हो सकता है। पिछले तेल बाजार वर्ष में देश से 8.62 लाख टन सोयाबीन का निर्यात किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सकारात्मक संकेत और कम खाद्य तेल आयात की खबरों के कारण सोया तेल वायदा (मार्च) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,135-1,148 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है, जबकि सीपीओ वायदा (फरवरी) की कीमतें 1,025-1,040 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। जनवरी 2021 के दौरान वनस्पति तेलों का आयात जनवरी, 2020 के 1,195,812 टन की तुलना में 8% कम 1,096,669 टन हुआ है, जिसमें 1,074,635 टन खाद्य तेल और 22,034 टन गैर-खाद्य तेल हैं। रिंगिट के कमजोर होने और सीबोट में सोया तेल की कीमतों में तेजी के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल लगातार तीसरे दिन 2% की बढ़ोतरी हुई। बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में मई डिलीवरी की बेंचमार्क पॉम ऑयल कॉन्टैंक्ट 99 रिंगिट या 2.8% बढ़कर 3,634 रिंगिट प्रति टन हो गया।
आरएम सीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतों के 5,400-5,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। राजस्थान और अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्रोसेसर और स्टॉकिस्ट अभी भी सरसों खरीद रहे है। मिलों और स्टॉकिस्टों की ओर से ताबड़तोड़ खरीदारी के कारण अधिक आवक के बावजूद कीमतों मदद नही मिल रही है। (शेयर मंथन, 18 फरवरी 2021)
Add comment