अतंरराष्ट्रीय बाजार से नरमी के रुझान पर कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतें 21,200 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती है।
यूरोपी में वायरस के संक्रमण की एक नयी लहर के कारण माँग कम होने और यूनाइटेड स्टेट्स, चीन के संबंधों के बारे में चिंता के कारण आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में कल गिरावट हुई है। एक कॉन्ट्रैक्ट 0.78 संट या 0.9% गिरकर 83.84 सेंट प्रति पौंड पर बंद हुई है। कोविड के प्रकोप को तीसरी लहर के कारण यूरोप में कुछ आंडर को स्थगित करने और रद्द करने की कारण कीमतों में गिरावट हुई है। इसके अलावा, डॉलर प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले दो सप्ताह के शिखर पर पहुँच गया, जिससे अन्य मुद्राओं के खरीदारों के लिए कपास महँग हो गया।
ग्वारसीड (अप्रैल) की कीमतें 3,700-3,650 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती है, जबकि ग्वारगम (अप्रैल) वायदा की कीमतों में 5,850-5,800 रुपये गिरावट होने की उम्मीद है। यूरोप में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण कच्चे तेल की कीमतें दो सप्ताह के निचले स्तर पर पहुँच जाने के बाद सेंटीमेंट कमजोर हुआ है। यूरोप में टीकाकरण कार्यक्रमों की धीमी गति और कोरोनावायरस का हतोत्साहित कर रही है और यहाँ तक कि ग्वारगम की कीमतों में असमानता के कारण कुछ मिलें बंद रही है।
चना वायदा (अप्रैल) की कीमतें यदि 4,950-4,935 रुपये नीचे टूटती है तो कीमतों में 4,900-4,850 रुपये तक गिरावट हो सकती है। खबरों में केंद्र ने घरेलू आपूर्ति में कमी को पूरा करने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4 लाख टन तुअर और 1.5 लाख टन मूंग के आयात की अनुमति दी है। अपनी नवीनतम अधिसूचना में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने व्यापारियों को मिला और रिफाइनरी के साथ इन दालों का आयात करने की भी अनुमति दी है। (शेयर मंथन, 24 मार्च 2021)
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