सोयाबीन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और सोयामील की आपूर्ति की तुलना में माँग अधिक होने के कारण कीमतों के 6,200-6,300 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
भारतीय सोयामील आनुवंशिक रूप से संशोधित नहीं है, इसलिए आयातकों की ओर से भारतीय सोयामील की माँग अमेरिकी सोयामील तुलना में अधिक हो रही है। अमेरिकी सोयाबीन वायदा (मई) की कीमतों के 13.70 के निकट सहारा से ऊपर ही तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की उम्मीद है। अमेरिकी कृषि विभाग का पूर्वानुमान है कि सोयाबीन बुआई बाजार की उम्मीदों से कम हो सकता है जिससे सीबोट में वायदा कीमतें साढ़े छह वर्षो के उच्च स्तर पर 14.56 डॉलर प्रति बुशल पर पहुँच गयी है। किसानों ने 87.600 मिलियन एकड़ में सोयाबीन की बुवाई करने की योजना बनायी है जो 2018 के बाद से सबसे अधिक है। रॉयटर पोल द्वारा एकत्रित अनुमानों के अनुसार, बाजार को उम्मीद है कि किसान 89.996 मिलियन एकड़ में सोयाबीन की बुआई कर सकते हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि अगली फसल की कटाई से पहले अमेरिकी सोयाबीन के स्टॉक के कम होकर केवल 9-1 प्रति 2 दिनों की आपूर्ति तक रह जाने का अनुमान है।
सोया तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 1,260-1,265 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,300-1,320 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (अप्रैल) की कीमतें 1,110-1,120 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। मिलों की ओर से बढ़ती माँग के बीच अमेरिकी सोयाबीन तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
सरसों वायदा (अप्रलै) की कीमतों संभवतः 5,600-5,900 रुपये के दायरे में स्थिर कारोबार कर सकती है और कीमतों में प्रत्येक गिरावट के बाद निचले स्तर की खरीदारी हागी। हाल के दिनों में, खाद्य मानक नियामक, एफएसएसआई द्वारा 8 जून, 2021 से सरसों के तेल के साथ किसी भी प्रकार के खाद्य तेल की मिलावट पर प्रतिबंध लगाने के बाद इस तिलहन की माँग बढ़ गयी है। दूसरी बात, अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की उच्च कीमतों के कारण भी हाजिर बाजारों में सरसों के तेल की कीमतों को बढ़ावा मिल रहा है। अंत में, हरियाणा सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करने के बाद कीमतों को मदद मिलेगी। (शेयर मंथन, 05 अप्रैल 2021)
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