अंतराष्ट्रीय बाजार में नरमी के रुझान पर कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 21,960 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। सोमवार को आईसीई कॉटन वायदा की कीमतें गिरावट के साथ बंद हुई है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि 18 अप्रैल को समाप्त के दौरान कपास की बुआई 3 प्रतिशत अंक बढ़कर 11% तक पहुँच गया जो 5 वर्षो के राष्ट्रीय औसत गति 9% से अधिक है। टेक्सास में 13% औसत गति की तुलना में 16% क्षेत्र में बुआई हुई हैं। घरेलू मिलों ने राजस्थान में अपनी कपास की खरीद कम कर दी है। कपास की कीमतों में लगातार दूसरे दिन 100-200 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है। राज्य में कपास की आवक अधिक थी।
महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्थाओं के कारण तेल की बढ़ी हुई माँग के पूर्वानुमान से ऐसा लगता है कि ग्वारसीड वायदा (मई) की कीमतों के 4,050 रुपये से ऊपर ही रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (मई) की कीमतों के 6,200 रुपये से ऊपर ही रहने की उम्मीद है।
चना वायदा (मई) की कीमतों के 5,600 रुपये से ऊपर ही रहने की संभावना है। कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतों में गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है। सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत अप्रैल से शुरू होने वाले बाजार वर्ष 2021-22 में चना खरीद को बढ़ाकर 3.25 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है जो वार्षिक आधार पर लगभग 55% अधिक है। केंद्र का लक्ष्य महाराष्ट्र में 6,17,000 टन चना खरीदना है, जबकि पिछले साल 2,98,372 टन खरीदा था। राजस्थान में 5,87,155 टन के मुकाबले 6,14,900 टन, और उत्तर प्रदेश में सिर्फ 31,875 टन के मुकाबले 2,12,850 टन खरीदारी करनी है। (शेयर मंथन, 20 अप्रैल 2021)
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