सोयामील की निर्यात माँग के कारण राष्ट्रीय एक्सचेंजों पर सोयाबीन वायदा की कीमतें इस साल बढ़त दर्ज करते हुये अब तक के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है।
लेकिन आगामी दिनों में सतर्क रहना चाहिये क्योंकि फंडामेंटल यह संकेत दे रहे हैं कि घरेलू बाजार में माँग कम हो रही है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अनुमान लगाया है कि सोयाबीन की अधिक कीमतों के कारण पोल्ट्री की ओर से माँग में 1 लाख टन कमी का अनुमान है और आहार निर्माताओं की ओर से भी माँग में कमी आई है। यहाँ तक कि सोयामील की माँग कम होने के कारण पूरे वर्ष में पेराई के लिए 95 लाख टन के पहले के अनुमान से घटाकर 93.5 लाख टन कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, ब्राजील के सोयाबीन की फसल में तेजी जारी है और आने वाले दिनों में अमेरिकी सोयाबीन के निर्यात पर दबाव पड़ने की संभावना है।
सरसों वायदा की कीमतों में गिरावट के बाद खरीदारी की जा सकती है और कीमतें तेजी के रुझान के साथ 7,000-7,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। यह बताया गया है कि दक्षिण कोरिया और इसके बाद थाईलैंड और बांग्लादेश की ओर से अधिक खरीद के कारण रेपसीड भोजन का निर्यात एक लाख टन को पार कर गया। 2020-21 के दौरान रेपसीडमील का निर्यात 11.13 लाख टन हुआ है जिसकी कुल कीमत 2,019.20 करोड़ रुपये है।
सोया तेल वायदा (मई) की कीमतों को 1,157 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और सीपीओ वायदा (मई) की कीमतों के 1,147-1,150 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। डॉलियन एक्सचेंज में सोया तेल की कीमतों में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि पॉम तेल की कीमतों में 0.7% की बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 20 अप्रैल 2021)
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