सोयाबीन वायदा (मई) की कीमतों को 6,600-6,700 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।
यह अनुमान है कि पारंपरिक खरीदारों की ओर माँग के कारण अप्रैल में भारत का सोयामील निर्यात दोगुना होकर लगभग 80,000 टन से अधिक हो सकता है। मौजूदा माह में अब तक लगभग 60,000 टन सोयाबीन का निर्यात किया जा चुका है। यूरोपीय और दक्षिण पूर्व एशियाई देश प्रमुख रूप से भारत से खरीद रहे हैं। सोयाबीन की सुस्त आवक के बीच मील की मजबूत निर्यात माँग के कारण कीमतें उच्चतम स्तरों पर पहुँच गयी हैं। सीबीओटी पर, सोयाबीन वायदा की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वैश्विक स्तर पर आपूर्ति में कमी की संभावना से सभी कॉन्टैंक्ट की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तरों पर पहुँच गयी है। सीबोट में जुलाई सोयाबीन की कीमतें 23-1 प्रति 4 सेंट बढ़कर 15.44-3 प्रति 4 डॉलर के स्तर पर पहुँच गया है।
सरसों वायदा (मई) की कीमतों को 6,600 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। हाजिर बाजारों से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद हर गिरावट पर खरीदारी देखने को मिलेगी। एक साल पहले के समान अवधि की तुलना में आवक सुस्त और कम हो गयी है, क्योंकि किसान गेहूँ और जौ जैसी फसलों की कटाई में व्यस्त हैं। वे सरसों की कीमतों में तेजी को भी देख रहे हैं और कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। बाजार में सरसों तेल की बढ़ती माँग, वैश्विक स्तर पर कीमतों के रुझान और कम आवक के कारण सरसों की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है।
सोया तेल वायदा (मई) की कीमतों को 1,360 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की उम्मीद है, जबकि सीपीओ वायदा (मई) की कीमतों को 1,140 रुपये के पास सहारा रहने की संभावना है और वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों में तेजी के रुझान के कारण बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। सीबीओटी वायदा कीमतें जुलाई 2008 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है (शेयर मंथन, 27 अप्रैल 2021)
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