हल्दी वायदा (मई) की कीमतों में नरमी का रुझान है और कीमतों में 7,800-7,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण कारोबारियों को एक नये लॉकडाउन की आशंका से सुस्त माँग के कारण तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में विभिन्न कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के यार्डों में हल्दी की कीमतें गिर गयी हैं। स्टॉकिस्टों की ओर से खरीद में गिरावट के कारण भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। लेकिन तेलंगाना के निजामाबाद एपीएमसी में हल्दी की कीमतें पिछले कुछ हफ्तों में 7,050 रुपये प्रति क्विंटल और 6,800 रुपये के बीच हैं। महाराष्ट्र के सांगली से हल्दी गुजरात जाती है, विशेषकर भावनगर, जामनगर और अहमदाबाद जैसे शहरों में। लेकिन स्टॉकिस्टों की खरीदारी धीमी हो गयी है क्योंकि उन्हें डर है कि लॉकडाउन के कारण किराना स्टोर बंद हो जायेंगे। आने वाले 1-2 सप्ताह में आवक अच्छी बनी रहेगी।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों का रुझान नकारात्मक है और कीमतें 14,045 रुपये के सहारा स्तर से टूटने के कगार पर है। यदि ऐसा होता है, तो कीमतों में 13,600-13,500 रुपये तक गिरावट हो सकती हैं। महामारी की दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन की चिंताओं के कारण कमजोर माँग के साथ अधिक आवक के बाद सेंटीमेंट कमजोर हैं।
धनिया वायदा (मई) की कीमतों में 6,500-6,400 रुपये तक की गिरावट देखी जा सकती है। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण पूरे राजस्थान में मसाला मंडियों सहित सभी कमोडिटी बाजारों में व्यापार प्रभावित हुआ। यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि महामारी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच गयी है और आवक को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। खरीदार स्थिति के बारे में अनिश्चित हैं और इस प्रकार तालाबंदी और देश के विभिन्न राज्यों में कर्फ्यू लगाये जाने का इंतजार कर रहे हैं। राजस्थान सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 19 अप्रैल से 3 मई तक कार्यालयों और बाजारों को बंद करने का आदेश दिया है। (शेयर मंथन, 27 अप्रैल 2021)
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