अधिक निर्यात की संभावना से कॉटन वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुख के साथ 22,350-22,550 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
फसल वर्ष 2020-21 में कपास निर्यात का अनुमान 5 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) बढ़ाकर 65 लाख बेल किया गया है। लेकिन तेजी सीमित रह सकती है क्योंकि कारोबारी सतर्क हैं। पिछले कुछ हफ्रतों में शीर्ष कपास उत्पादक वेस्ट टेक्सास क्षेत्र में बारिश ने फसल में सुधार की संभावना बढ़ा दी है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों के 4,210-4,300 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों के 6,380-6,480 के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। हाल के दिनों में ग्वारगम के मासिक निर्यात में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं और निर्यात में धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है। बाजार का मानना है कि दालों की आकर्षक कीमतों के कारण इस साल ग्वार की बुवाई में कमी आ सकती है। माँग-आपूर्ति बैलेंस शीट से पता चलता है कि 2020-21 में ग्वारगम का शुरुआती स्टॉक 4.3 लाख मीटिंक टन है, उत्पादन 8 लाख मीटिंक टन है, जिससे 8.3 लाख मीटिंक टन की माँग के मुकाबले कुल आपूर्ति 12.3 लाख मीटिंक टन है। 2019-20 में 4 लाख मीटिंक टन की तुलना में कैरीओवर स्टॉक का अनुमान 4.3 लाख मीटिंक टन है।
चना वायदा (जून) में बिकवाली होने की संभावना है और कीमतों में 5,270 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,150-5,100 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। सरकार लगातार महँगाई की चिंताओं को नियंत्रित करने और दालों की बढ़ी हुई कीमतों को कम करने के लिए नीतियाँ लागू की है। काउंटर में हाजिर बाजारों से माँग में कमी के भी संकेत है क्योंकि इंदौर, चना के लिए बेंचमार्क बाजार, 8 अप्रैल से बंद है, और कोविड-19 के मामलों को नियंत्रित करने के लिए 31 मई तक बंद रहेगा। (शेयर मंथन, 25 मई 2021)
Add comment