कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें पिछले कारोबार में 1.4% की बढ़त के साथ बंद हुई। बाजार को नये सीजन कपास में अच्छी माँग की उम्मीद है।
कीमतें 25,500-26,000 रुपये के दायरे में तेजी के रुझान सीमित कारोबार कर सकती है। बाजार सूत्रों के अनुसार, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कपास उत्पादक क्षेत्रों में हाल ही में हुई बारिश से फसल को फायदा होगा। अगले महीने से कई राज्यों की मंडियों में नये कपास की आवक बढ़ जायेगी। इसलिए उत्पादक राज्यों में कपास की कीमत स्थिर रहने की उम्मीद है। सीसीआई के पास सीमित स्टॉक बचा है, इसलिए निगम ने बिक्री दर अपरिवर्तित रखी है।
अगले सीजन में अच्छी माँग और कम उत्पादन की उम्मीद के कारण ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतें 7 वर्षो के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं। कीमतों में 5,750 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,000 रुपये तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। सितंबर में बारिश की उम्मीद है जिससे राजस्थान में ग्वारगम का उत्पादन बढ़ सकता है लेकिन निचले क्षेत्र में अभी भी समस्या है। कम क्षेत्र और शुरुआती अवधि में बारिश की कमी के कारण उत्पादन में लगातार चौथे वर्ष गिरावट की उम्मीद है। अगस्त तक ग्वारगम का रकबा पिछले साल के 25 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 21 लाख हेक्टेयर रहा है। ग्वारगम के स्थिर निर्यात और चुरी और कोरमा की बढ़ती घरेलू माँग से कीमतें 5,500 रुपये के स्तर से ऊपर रह सकती हैं।
शॉर्ट कवरिंग के कारण अरंडी (सितंबर) वायदा की कीमतें बढ़त के साथ बंद हुई हैं। अब कीमतों के 5,800-6,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। गुजरात में बारिश की वापसी हुई है जिससे अरंडी का रकबा और उत्पादन बढ़ेगा। गुजरात में 31-अगस्त तक अरंडी का रकबा पिछले साल के 4.62 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 4.26 लाख हेक्टेयर रह गया है। निर्यात माँग और अरंडी के तेल के लिए निरंतर औद्योगिक उपयोग से कीमतों को 5,800 रुपये के स्तर पर समर्थन मिल सकता है। (शेयर मंथन, 06 सितम्बर 2021)
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