माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना के कारण पिछले हफ्ते सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
कीमतों के 8,700-9,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मध्य और पश्चिमी भारत में मॉनसून की बारिश फिर से शुरू होने के बाद सोयाबीन के अध्कि उत्पादन की संभावना में सुधार के बावजूद लगातार माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। सोपा के अनुसार सोयाबीन का रकबा पिछले साल के 118.4 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस सीजन में 123.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। इस बीच, सरकार ने पोल्ट्री उद्योग को समर्थन देने के लिए 12 लाख टन सोयामील के आयात की भी अनुमति दी है।
आरएम सीड वायदा (सितंबर) की कीमतें पिछले कारोबार में 0.5% की बढ़त के साथ अब तक के उच्च स्तर 8,450 रुपये पर पहुँच हुई। कीमतों के अब 8,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 8,550 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। कम स्टॉक और खपत की माँग जारी रहने से कीमतों को समर्थन मिल रहा है। तेल की अच्छी घरेलू माँग और सरसोंमील की निर्यात माँग से आने वाले महीनों में कीमतों में तेजी बनाये रखेगी। फिजिकल बाजार में, प्रोसेसर उच्च कीमतों पर खरीदारी करने में बहुत सावधानी बरत रहे हैं जिससे हाजिर माँग कम हुई है और कीमतों पर दबाव पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमजोरी के कारण शुक्रवार को खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। भारत में उच्च आयात और स्थिर माँग के कारण खाद्य तेल की आपूर्ति पर्याप्त है। इसके अलावा, भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार दो महीने के लिए रिफाइंड सोया तेल और सीपीओ पर घरेलू शुल्क मूल्य अपरिवर्तित रहा। खाद्य तेल की घरेलू कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की थी।
सोया तेल वायदा (सितंबर) की कीमतों के 1,380-1,420 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (सितंबर) की कीमतों के 1,145-1,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 06 सितम्बर 2021)
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