कोरोना के नये संस्करण को लेकर अनिश्चितता के बीच कपास मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतें लगातार पांचवें सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई।
सीसीआई ने पिछले सप्ताह कपास की बिक्री की दरों में भी 800 रुपये प्रति कैंडी की कमी की है। अब कीमतें 31,990 रुपये पर बाधा के साथ 28,500 रुपये तक लुढ़क सकती है। उत्पादन पर चिंताओं और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 45% अधिक हैं। सीएआई के अनुसार, अक्टूबर 2021 में भारतीय कपास की आवक 31.12 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल कपास की आवक 27.16 लाख गांठ थी।
सुस्त निर्यात माँग और नये सीजन की आवक के कारण ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें पिछले सप्ताह तीन महीने के निचले स्तर पर आ गयी। कीमतों में 5,950 रुपये पर अड़चन के साथ 5,200 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 35% अधिक हैं। नये सीजन में ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। सितंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 30% बढ़कर 24,800 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 43% बढ़कर 1.58 लाख टन हो गया।
बिकवाली के कारण कैस्टरसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें पिछले सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई और अब 6,280 रुपये पर सहारा और 6,560 रुपये पर अड़चन के साथ एक दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में, कोरोना की तिसरी लहर की अनिश्चितताओं के कारण व्यापारियों की ओर से माँग कम है। कृषि मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार कम रकबे के कारण अरंडी का उत्पादन 15.98 लाख टन होने की संभावना है जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम होगा। इसके अलावा, पूरे साल अरंडी के तेल की लगातार निर्यात माँग रही है जिससे तेल की कीमतें उच्च स्तर पर बनी हुई है जबकि तेल-मिलों के पास स्टॉक कम है। (शेयर मंथन, 06 दिसंबर 2021)
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