सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह 2 सप्ताह के निचले स्तर से अच्छी रिकवरी हुई है और इस हफ्ते कीमतें 6,060 रुपये के सहारा और 7,050 रुपये पर बाधा के साथ दायरे में कारोबार कर सकती है।
चीन को अधिक निर्यात और सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी के रूख पर अमेरिकी सोयाबीन की कीमतों में बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा लगाई गई स्टॉक सीमा से कीमतों की बढ़त सीमित हो रही है। भारत में सोयाबीन की कीमतें इस वर्ष में अब तक 45% से अधिक है, क्योंकि भारत के कई किसान प्रोसेसरों को सोयाबीन बेचने के बजाय रोक कर रख रहे हैं। इसी तरह तेल मिल मालिक और स्टॉकिस्ट भी सोयाबीन की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में कम 15 लाख टन रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन ने सरकार से 5,50,000 टन सोयामील के आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया। ओमाइक्रोन कोरोना वायरस वायरस के प्रभाव को लेकर अनिश्चितताओं के कारण खाद्य तेल की कीमतें लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुईं। इसके अलावा, कम छूट के कारण भारत ने पॉम तेल की खरीद को कम किया है और सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में वृद्धि हुई है। एसईए के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है। पॉम ऑयल और सोया तेल के शुल्क वैल्यू में अगले एक पखवाड़े के लिए एक बार पिफर बढ़ोतरी की गई है। उच्च शुल्क मूल्य से खाद्य तेल की कीमतों को मदद मिल रही है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,080 रुपये पर सहारा और 1,240 रुपये पर रुकावट के साथ कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,080 रुपये पर सहारा और 1,150 रुपये पर अड़चन के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 06 दिसंबर 2021)
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