विश्व बाजार में नरमी के रुझान के कारण कॉटन वायदा (माच) की कीमतों में कल 1% से अधिक की गिरावट हुई है।
अधिक कीमतों पर मिलो की ओर से कम माँग के कारण कीमतों में गिरावट हुई है। यदि कीमतें 36,880 रुपये से नीचे टटू ती है तो 36,500 रुपये तक गिरावट हो सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतों में वर्ष-दर-वर्ष 70.8% अधिक है जबकि इस वर्ष अब तक 9.1% बढी है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अगिम्र अनुमान के तहत कपास का उत्पादन पहले अनुमान के 362 लाख बले की तुलना में 340 लाख बले होने का अनुमान लगाया है। इसके पहले सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख बेल घटाकर के 348.13 लाख बले (1 बले 170 किलोग्राम) जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था, जबकि घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढोतरी हुई। युएसडीए ने अपनी मासिक रिपार्टे में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बले कर दिया है जबकि सबसे बडे नियार्त क अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3.61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बले कर दिया गया है।
मुनाफा वसूली के कारण ग्वारसीड वायदा (माच) की कीमतों में कल 0.3% की गिरावट के साथ बदं हुई। कीमतों के 6,300 रुपये पर रुकावट के साथ 6,100 रुपये के स्तर पर पहुँचा ने की संभावना है। वर्तमान में कम उत्पादन, कई वर्षा में कम स्टाकॅ आरै अच्छी नियार्त माँग की संभावना से कीमतें वर्ष- दर-वर्ष 61.6% अधिक है। दिसम्बर में ग्वारगम का नियार्त वर्ष-दर-वर्ष 34.3% बढकर 32,420 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसम्बर) में नियार्त वर्ष-दर-वर्ष 42.4% बढकर 2.41 लाख टन हो गया।
बिकवाली के कारण कैस्टरसीड वायदा (माच) की कीमतें कल 2% से अधिक की गिरावट के साथ बदं हुई। अब कीमतें 6,700-7,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। 2022 में कीमतों में बढोतरी हो रही है और वर्ष-दर-वर्ष 56.6% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दसू रे अगिम्र अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अगिम्र अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। अप्रैल-दिसम्बर के दौरान अरंडी तेल का नियार्त पिछले साल के लगभग बराबर 5.15 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 4.64% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 23 फरवरी 2022)
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