कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में लगातार दो सप्ताह की गिरावट के बाद पिछले सप्ताह बढ़त दर्ज की गयी।
रुझान अभी भी तेजी का है क्योंकि आपूर्ति की तुलना माँग से अधिक है। वर्तमान में बाधा 37,820 रुपये के उच्च स्तर पर है और 36,120 रुपये पर सहारा है। उत्पादन में कमी की आशंका, धीमी आवक, बेहतर घरेलू और निर्यात माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 67% अधिक हैं और नये साल में लगभग 9.7% बढ़ी है। सीएआई ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में 2021-22 के लिए अपने कपास उत्पादन को 5.00 लाख गांठ घटाकर के 343.13 लाख गांठ (1 गांठ 170 किलोग्राम का) कर दिया है। खपत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रह गयी, जबकि निर्यात और आयात के आँकड़े क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवर्तित है। दूसरे अग्रिम अनुमान में, सरकार ने देश में कपास उत्पादन को पहले अनुमान के 362 लाख गांठ से घटाकर 340 लाख गांठ कर दिया है। फरवरी की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन जनवरी 2022 में अनुमानित 120.96 मिलियन गांठ की तुलना मेंघटाकर 120.15 मिलियन गांठ (1 यूएस गांठ=218 किलोग्राम) कर दिया। 2021-22 में विश्व स्तर पर उत्पादन में 8,00,000 गांठ की गिरावट के कारण कपास का अंतिम स्टॉक 7,00,000 गांठ कम रहने का अनुमान है। यूएसडीए ने भारत की फसल में 5,00,000 गांठ की कमी का अनुमान लगाया है क्योंकि बाजार में आवक की धीमी गति उम्मीद से कम उत्पादन होने का संकेत देती है।
3 महीने के निचले स्तर पर पहुँचने के बाद खरीदारी के कारण ग्वारसीड वायदा (मार्च) की कीमतों में पिछले सप्ताह कुछ रिकवरी हुई। अब कीमतों को सहारा 5,710 रुपये पर है। वर्तमान में, पिछले 5 वर्षों में सबसे कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 56.2% अधिक हैं। तेल रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 अधिक है। दिसंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 32% बढ़कर 32420 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 42.6% बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया। कच्चे तेल की ऊँची कीमतें और अमेरिका में रिग काउंट में बढ़ोतरी ग्वारगम की माँग के लिए अच्छी खबर है और आने वाले हफ्तों में कीमतों को सहारा मिल सकता है।
कारोबारियों की ओर नयी खरीदारी से अरंडी वायदा (मार्च) की कीमतें पिछले सप्ताह बढ़कर 7,460 रुपये के अब तक के उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं। कीमतें तेजी के रुझान के साथ 7,100-7,400 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में अरंडी की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 60% अधिक हैं, क्योंकि अरंडी का उत्पादन पिछले तीन वर्षों में सबसे कम होने की उम्मीद है। दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार अरंडी का उत्पादन 15.08 लाऽ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन से लगभग 8.5 प्रतिशत कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल उत्पादन 13.45 लाख टन हुआ था। अप्रैल-दिसंबर के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात पिछले साल के 5.15 लाख टन के निर्यात मात्रा के बराबर हुआ है। लेकिन इसी अवधि के दौरान कैस्टरमील का निर्यात 4.64% कम हुआ है। (शेयर मंथन, 07 मार्च 2022)
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