कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है। कीमतों के 5,180-5,260 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
वैश्विक ईंधन माँग पर ओमाइक्रोन संस्करण के प्रभाव को लेकर चिंता कम होने से कल तेल की कीमतों में लगभग 5% की उछाल के बाद आज भी बढ़त देखी जा रही है जबकि ईरान परमाणु वार्ता में बाधएं बरकरार है जिससे ईरान से कच्चे तेल की आपूर्ति की आपूर्ति में देरी होने की संभावना है। तेल की कीमतों में पिछले हफ्ते इस चिंता से गिरावट हुई थी कि टीके नये कोरोना वायरस वैरिएंट ओमाइक्रोन के खिलाफ कम प्रभावी हो सकते हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि सरकारें इसके प्रसार को रोकने पिफर से प्रतिबंध लगा सकती हैं जिससे वैश्विक विकास और तेल की माँग प्रभावित हो सकती है। तेल की माँग में बढ़ोतरी को लेकर विश्वास के एक अन्य संकेत के रूप में, दुनिया के शीर्ष निर्यातक सऊदी अरब ने रविवार को कच्चे तेल की मासिक कीमतें बढ़ा दी है। 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पिछले सप्ताह समाप्त होने से बचाने के लिए अमेरिका और ईरान के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता में गतिरोध के बाद ईरानी तेल निर्यात में वृद्धि की संभावनाओं में कमी से भी कीमतों में तेजी आयी। जर्मनी ने सोमवार को ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत में यथार्थवादी प्रस्ताव पेश करने का आग्रह किया।
नेचुरल गैस में बिकवाली होने की संभावना है और कीमतों को 272 रुपये के स्तर पर सहारा और 290 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 07 दिसंबर 2021)