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एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स

सर्वेक्षण

  • योगेश मेहता

    संस्‍थापक, यील्‍ड मैक्सिमाइजर्स

    बाजार का परिदृश्य सकारात्मक है। मूल्यांकन उचित स्तरों पर है और आर्थिक वृद्धि स्थिर है। पूँजीगत व्यय (कैपेक्स), कच्‍चे तेल में नरमी, नियंत्रित महँगाई और ब्‍याज दरें भारतीय बाजार के लिए सकारात्‍मक पहलुओं में हैं। लेकिन यदि कोई वैश्विक अनिश्चितता बने या कंपनियों की आय (अर्निंग) को कोई झटका लगे तो बाजार पर नकारात्‍मक असर पड़ सकता है।

  • संदीप सभरवाल

    आस्‍कसंदीपसभरवाल.कॉम

    मेरा अनुमान है कि अगले छह महीने में सेंसेक्स 71,000 और निफ्टी 20,000 के स्‍तर के आस-पास होंगे। 12 महीने की अवधि में सेंसेक्स का लक्ष्य 73,909 और निफ्टी का लक्ष्य 20,500 का बन रहा है। भारत की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त-वर्ष और अगले वित्त-वर्ष 2024-25 में 7% रह सकती है।

  • प्रकाश दीवान

    सदस्‍य, सलाहकार बोर्ड, विवरो फाइनेंशियल सर्विसेज

    वैश्विक मंच पर भारत का भाग्य बदलने की आशा में बाजार अपनी हद से आगे भाग गया है। पर ठहराव के एक दौर के बाद यह फिर से तेज चाल जारी रख सकता है। अगले छह महीने में सेंसेक्स 70,400 के आस-पास और निफ्टी 20,900 की ओर जा सकता है। एक साल में सेंसेक्स 81,000 का स्‍तर छू सकता है और निफ्टी 24,400 तक जा सकता है।

  • Anita Gandhiअनीता गांधी
    निदेशक, अरिहंत कैपिटल मार्केट्स
    उभरते हुए देशों में भारत अब भी सितारा बना हुआ है।

  • neeraj dewanनीरज दीवान
    निदेशक, क्वांटम सिक्योरिटीज
    बाजार की भविष्य की दिशा इस बात से तय होगी कि नोटबंदी की अवधि पूरी होने के बाद कैसी स्थिति उभरती है और बजट में क्या सामने आता है।

  • पंकज पांडेय

    रिटेल रिसर्च प्रमुख, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज

    कंपनियों की आय (कॉर्पोरेट अर्निंग), जीडीपी वृद्धि और जीएसटी एवं नरम महँगाई दर जैसे आर्थिक संकेतक बाजार के लिए सकारात्मक हैं। पर वैश्विक मंदी की चिंताओं और भूराजनीतिक (जियोपॉलिटिकल) हालात का भारतीय बाजार पर नकारात्मक असर हो सकता है।

  • अनिल मंगनानी

    निदेशक, मॉडर्न शेयर्स ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स

    निवेशकों के लिए मेरा सुझाव है कि वे नीचे के स्‍तरों पर अच्‍छे शेयरों में खरीदारी करें और अगले दो से तीन साल के लिए उनमें बने रहें। मुझे अगले छह महीने में सेंसेक्स 70,000 पर और निफ्टी 20,400 के आस-पास दिखते हैं, जबकि अगले 12 महीने में सेंसेक्स 75,000 और निफ्टी 21,500 के स्‍तर पर दिखाई देते हैं।

  • vijay chopraविजय चोपड़ा
    एमडी एवं सीईओ, इनोच वेंचर्स
    म्यूचुअल फंडों के बढ़ते एयूएम और बाजार में निवेशकों का फिर से लौटना बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं।

  • विजय चोपड़ा

    एमडी-सीईओ, इनॉच इंटरमीडियरीज

    सकारात्मक बातों में एफआईआई खरीदारी, महँगाई दर में कमी, ब्याज दरों के घटने की संभावना, कच्चे तेल की नीची कीमतें, कंपनियों की आय (अर्निंग) अच्छी रहना, अच्छा कर संग्रह और घरेलू खपत को गिना जा सकता है।

  • hemen kapadiaहेमेन कपाड़िया
    सीईओ, चार्टपंडित
    मुझे लगता है कि कुछ गिरावट आने पर बाजार अच्छा हो जायेगा।

  • दिलीप भट्ट
    जेएमडी, प्रभुदास लीलाधर
    मेरी सलाह है कि निवेशकों को इस बाजार में गिरावट आने पर खरीदारी करनी चाहिए।

  • हितेंद्र वासुदेव
    तकनीकी विश्लेषक
    बाजार के लिए बड़ी चिंता यह है कि विकास दर घटेगी।

  • विजय भूषण

    पार्टनर, भारत भूषण ऐंड कंपनी

    बाजार में तेजी का ही नजरिया है और निवेशकों को ग्रोथ शेयरों (तेज वृद्धि वाली कंपनियों) में निवेश करना चाहिए। साथ ही अमेर‍िकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक की ब्‍याज दरों की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए। विदेशी निवेश बढ़ने और साथ ही घरेलू निवेश में इजाफा होने, सरकार का बुनियादी विकास पर जोर रहने और कंपनियों की कमाई बढ़ने से भारतीय बाजार पर सकारात्‍मक असर होगा।

  • भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के नये "फिक्की विनिर्माण सर्वेक्षण" में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2019) में 6.0% जीडीपी विकास दर रहने का अनुमान लगाया गया है।

  • दीन दयाल शर्मा

    सीएमडी, रिस्क कैपिटल एडवाइजरी

    'चीन प्लस" के चलते भारी पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) की योजनाएँ बनना बाजार के लिए काफी सकारात्मक है। चालू वित्‍त-वर्ष में देश की जीडीपी 7% पर रह सकती है और 2024-25 में इसके 7.5% पर पहुँचने का अनुमान है। पर भारतीय बाजार के लिए वैश्विक भूराजनीतिक हालात चिंता का सबब बन सकते हैं।

  • राजेश अग्रवाल

    रिसर्च प्रमुख, एयूएम कैपिटल मार्केट

    भारत का परिदृश्य आज जितना उज्ज्वल है, उतना पहले कभी नहीं था। आरबीआई के निरंतर प्रयासों के कारण महँगाई में गिरावट के उल्लेखनीय संकेत मिले हैं। भारत चीन के एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है। यह एक ऐसा कारक है जो विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) और निर्यात को काफी बढ़ायेगा। न सिर्फ घरेलू, बल्कि विदेशी बड़ी कंपनियों ने भी भारत में बड़े निवेश की घोषणाएँ की हैं।

  • आशीष कपूर

    सीईओ, इन्वेस्ट शॉपे

    बाजार के लिए प्रति मेरा नजरिया तेजी वाला है। एक साल में सेंसेक्‍स 75,000 का स्‍तर छू सकता है, और निफ्टी 22,000 तक जा सकता है। संभावना लगती है कि सेंसेक्स 2025 तक ही एक लाख पर होगा। भारतीय बाजार के लिए विकास दर, आय वृद्धि की स्पष्टता (इन्कम विजिबिलिटी), मजबूत अर्थव्यवस्था और नकदी की उपलब्धता या तरलता (लिक्विडिटी) बड़े सकारात्मक पहलू हैं।

  • विनय गुप्‍ता

    निदेशक, ट्रस्‍टलाइन सिक्योरिटीज

    भारतीय बाजार को लेकर हमारा नजरिया अगले एक साल के लिए सकारात्‍मक बना हुआ है। पर इस दौरान बाजार के लिए देश में होने वाले चुनाव बहुत महत्वपूर्ण रहेंगे। राज्यों के आगामी विधान सभा चुनावों पर खास नजर रहेगी। इनका बाजार की दिशा पर हल्का सकारात्मक असर हो सकता है। अगले छह महीनों में वैश्विक कारकों को देखें तो अमेरिका में ब्‍याज दरों की स्थिति‍ भारतीय बाजार पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है।

  • अनुज गुप्ता

    वीपी (रिसर्च), आईआईएफएल सिक्योरिटीज

    बाजार इस समय तेजी के दौर में है। हालाँकि अगले छह महीने में भारतीय बाजार के लिए देश का चुनावी माहौल सबसे बड़ा मुद्दा होगा। राज्यों के जो विधान सभा चुनाव होने हैं, वे बहुत महत्वपूर्ण रहेंगे और मेरा अनुमान है कि इनका बड़ा सकारात्मक असर होने वाला है।

  • जगदीश ठक्कर
    निदेशक, फॉर्च्यून फिस्कल
    हमें आशा है कि दक्षिण एशियाई देशों के अपने समकक्षों से भारतीय शेयर बाजार बेहतर प्रदर्शन करेंगे। अगले छह महीनों में निफ्टी 18,000 के स्तर से लगभग 1,200 अंक ऊपर और नीचे के दायरे में रहेगा।

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  • 10 शेयर 10 फंड : निवेश मंथन पत्रिका (अक्टूबर 2024)

    यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।

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